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13 December 2023

पीएम मोदी ने 2001 संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जानें क्या था 13 दिसंबर का वो पूरा घटनाक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन संसद पर हमला करने वाले आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आज, हम 2001 में संसद हमले में शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद करते हैं और उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि देते हैं। खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान हमेशा हमारे देश की स्मृति में अंकित रहेगा।"

संसद भवन में एक समारोह में मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए, जहां उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2001 को संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के परिवार के सदस्यों से भी बातचीत की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और अन्य नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद थे।

यह याद किया जा सकता है कि 13 दिसंबर 2001 को, जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी; नानक चंद और रामपाल, सहायक उप-निरीक्षक, दिल्ली पुलिस; दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेंदर सिंह और घनश्याम; और सीपीडब्ल्यूडी के माली देशराज ने आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया था।

अपराधी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से संबंधित थे - दो पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठन - ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला किया, जिसमें पांच दिल्ली पुलिस कर्मियों, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मी, एक सीआरपीएफ कांस्टेबल और एक माली की मौत हो गई। इसी के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 2001-2002 भारत-पाकिस्तान गतिरोध हुआ।

13 दिसंबर, 2001 के हमले में गृह मंत्रालय और संसद लेबल वाली कार में संसद में घुसपैठ करने वाले कुल पांच आतंकवादी मारे गए थे। उस समय प्रमुख राजनेताओं सहित 100 से अधिक लोग संसद भवन के अंदर थे। बंदूकधारियों ने अपनी कार पर एक नकली पहचान स्टिकर का इस्तेमाल किया और इस तरह संसदीय परिसर के आसपास तैनात सुरक्षा को आसानी से तोड़ दिया। आतंकियों के पास एके47 राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर और पिस्तौलें थीं।

बंदूकधारियों ने अपना वाहन भारतीय उपराष्ट्रपति कृष्ण कांत (जो उस समय इमारत में थे) की कार में घुसा दिया, बाहर निकले और गोलीबारी शुरू कर दी। उपराष्ट्रपति के गार्ड और सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी की और फिर परिसर के द्वार बंद करना शुरू कर दिया।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि बंदूकधारियों को पाकिस्तान से निर्देश मिले थे और ऑपरेशन पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी के मार्गदर्शन में किया गया था।

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TAGS: Pm modi, narendra modi, amit shah, 2011 parliament attack, 13 December
OUTLOOK 13 December, 2023
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