मोदी के 25 लाख चौकीदारों से किए संवाद पर विवाद, एसोसिएशन ने कहा प्रायोजित था कार्यक्रम
20 मार्च को भाजपा का चुनावी नारा ‘मैं भी चौकीदार’ के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में 25 लाख सुरक्षा गार्डों के साथ 'ऑडियो इंटरैक्शन’ का आयोजन रखा। अब प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। यह बात सामने आ रही है कि इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा गार्ड इसमें शामिल नहीं हुए थे साथ ही यह पूरा कार्यक्रम एक भाजपा सांसद द्वारा प्रायोजित था।
सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) ने इस कार्यक्रम को चौकीदारों के साथ "असली धोखा" करार दिया है। सीएपीएसआई इस सेक्टर में 22,000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक शीर्ष निकाय है, इन कंपनियों में लगभग 8.5 मिलियन निजी सुरक्षा गार्ड कार्यरत हैं।
सीएपीएसआई ने पीएमओ को लिखा पत्र, उठाए सवाल
29 मार्च को सीएपीएसआई द्वारा प्रधान मंत्री कार्यालय को इसे लेकर पत्र भी लिखा गया। पत्र की प्रतिलिपि आउटलुक के पास भी है। पत्र में सीएपीएसआई के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने बताया कि निजी सुरक्षा गार्ड बिरादरी पीएम उनके साथ एक 'ऑडियो ब्रिज' के माध्यम से बातचीत करेंगे सुनकर काफी उत्साहित थी। वे निर्धारित दिन पर कार्यक्रम शुरू होने की प्रतीक्षा करते रहे। लेकिन तब यह पता चला कि ऑडियो इंटरेक्शन वास्तव में एक फेसबुक लाइव स्ट्रीम के माध्यम से हो रहा था। पत्र में कहा गया कि ज्यादातर सुरक्षा गार्डों द्वारा इसका एक्सेस नहीं किया जा सका क्योंकि उनके पास फेसबुक पर खाते नहीं हैं।
'भाजपा सांसद ने किया हाईजैक'
इससे भी अधिक गंभीर चिंता की बात जाहिर करते हुए सीएपीएसआई कहती है, “तथ्य यह था कि पूरा कार्यक्रम वास्तव में एक भाजपा सांसद आर के सिन्हा द्वारा स्थापित एक सुरक्षा फर्म द्वारा "हाईजैक" किया गया। इसका संचालन उनके बेटे ऋतुराज सिन्हा करते हैं जिसने हाल ही में तीन तीन कंपनियों का अधिग्रहण किया। यह फर्म सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (एआईएस) नाम से जानी जाती है।
पत्र में लिखा है कि ऋतुराज सिन्हा ने सीएपीएसआई सदस्यों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश में स्वीकार किया कि उन्होंने पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया।
आउटलुक ने सिन्हा से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
'सिन्हा ने पीएमओ को किया गुमराह, लाखों चौकीदारों को कार्यक्रम से किया वंचित'
पत्र में आरोप लगाया गया कि सिन्हा ने प्रधानमंत्री से निकटता के कारण पीएमओ को गुमराह किया और अपनी कंपनी के 500 गार्डों के साथ पीएम की बातचीत को मैनेज किया। सिंह ने पीएम को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने लाखों सुरक्षा गार्डों और उनके परिवार के सदस्यों को आपकी बात सुनने और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने से वंचित किया।
संपर्क किए जाने पर सिंह ने आउटलुक को बताया कि उन्होंने पीएम को लाखों निजी गार्डों के दर्द और पीड़ा को व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिखा था, जो पीएम को सुनने में सक्षम नहीं होने पर निराश थे। सिंह ने कहा, "कुछ गार्ड पीएम से सीधे कॉल आने की उम्मीद कर रहे थे, क्योंकि उन्हें यही समझ में आया था।"
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पीएम से एक नियुक्ति का अनुरोध किया है जो उन्हें ऐसे हेरफेर से अवगत करा सकें जैसा कि पार्टी के उनके ही सदस्य ने उनके साथ किया है।