तीन दिवसीय ‘ऐतिहासिक’ इजराइल दौरे पर रवाना हुए पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इजराइल रवाना होने पहले ट्विट कर इस यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘इजराइल का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में मैं इस अभूतपूर्व यात्रा को लेकर काफी उत्सुक हूं, जो दोनों देशों और लोगों को करीब लाएगा’। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने कूटनीतिक संबंधों के 25 साल का जश्न मना रहे हैं।
दरअसल, मोदी का इजराइल दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों के 25 साल पूरे हो रहे हैं। भारत ने साल 1950 में पहली बार इजराइल को एक देश के रूप में मान्यता दी थी। वहीं, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की औपचारिक शुरूआत साल 1992 में हुई थी। उस समय देश के प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव थे। जसवंत सिंह पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने साल 2003 में इजराइल की यात्रा की। जिसके बाद साल 2015 में बतौर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी वहां पहुंचे थे। इसी साल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी इजराइल की यात्रा की थी।
इजराइल दौरे से पहले पीएम मोदी ने इजरायली समाचार पत्र 'इजराइल हायोम' को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत दो देशों के सिद्धांत में भरोसा रखता है, जिसमें आज का इजराइल और भविष्य का फलस्तीन शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के साथ रह सके। मोदी ने कहा कि इस मामले में अंतिम समझौता सभी संबंधित पक्षों की भावनाओं के मुताबिक होना चाहिए।
इजराइली मीडिया से बात करते हुए पीएम ने कहा कि आतंकवाद को किसी खास मजहब से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भारत और इजराइल आतंकवाद की बुराई से लड़ने के लिए पहले से अधिक सहयोग कर सकते हैं और एक-दूसरे के प्रयास का पूरक बन सकते हैं। अपने दौरे को लेकर मोदी ने कहा कि यह दौरा उन्हें इजरायली समाज के विभिन्न वर्गों के साथ आदान-प्रदान का एक अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं इजराइल में मौजूद खासतौर से विशाल भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने को उत्सुक हूं, जो हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच एक स्थायी कड़ी हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक दौरे के समय वह प्रमुख भारतीय और इजरायली सीईओ और स्टार्ट-अप्स से मिलेंगे और जमीनी स्तर पर कारोबार और निवेश साझेदारी बढ़ाने की अपनी साझी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।
साथ ही, उन्होंने कहा कि वह अपने इजराइल प्रवास के दौरान याद याशेम स्मारक संग्रहालय भी जाएंगे और मानव इतिहास के भयानक त्रासदियों में गिने जाने वाले होलोकास्ट के पीड़ितों के प्रति सम्मान जाहिर करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान वह उन साहसी भारतीय सैनिकों को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिन्होंने हाइफा की आजादी के दौरान 1918 में अपनी जिंदगियां कुर्बान कर दी थीं।
गौरतलब है कि इजराइल के विदेश मंत्रालय ने भी सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार से छह जुलाई के बीच इजराइल दौरे का बड़ा सांकेतिक महत्व होगा। यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे ठोस नतीजे आएंगे। मोदी की यात्रा से पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया के सबसे अहम प्रधानमंत्रियों में से एक बताया।