प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन को पासपोर्ट भी नसीब नहीं
इतने कम समय से सबसे ज्यादा विदेश का चक्कर लगाने का रिकॉर्ड बनाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी को पासपोर्ट तक नसीब नहीं। गुजरात में अकेले जीवन गुजारने पर अभिशप्त प्रधानमंत्री की पत्नी जसोदाबेन मोदी का पासपोर्ट नहीं बन पा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2014 में अपने चुनावी हलफनामे में जसोदाबेन का पत्नी के रूप में जिक्र किया था। इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर या अपने किसी भी चुनावी हलफनामे में उन्होंने जसोदाबेन का जिक्र नहीं किया था। वर्ष 2014 में भी उन्हें इसलिए करना पड़ा था क्योंकि ऐसा न करने पर कानूनी रूप से उनका नामांकन ही खारिज हो सकता था।
पासपोर्ट बनाने के लिए जसोदाबेन का आवेदन रद्द कर दिया गया है। वजह, उनके पास अपनी शादी का रेजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र नहीं हैं और न ही अपने पति के साथ संयुक्त हलफनामा ही है। ये दोनों ही कागजातप्रधानमंत्री की पत्नी जसोदाबेन के पास होने अब तकरीबन असंभव है। और, इन काजगात के बिना उनका पासपोर्ट बन पाना असंभव। गुजरात का पासपोर्ट दफ्तर उनके आवेदन को खारिज कर चुका है। इस बारे में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी जेडए खान का कहना है कि हमने उनके आवेदन को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि यह पूरा नहीं था। इसमें न तो शादी का प्रमाणपत्र लगा है और न ही जीवनसाथी के साथ संयुक्त आवेदन। गौरतलब है कि जसोदाबेन ने विदेश में परिजनों और दोस्तों से मिलने के लिए पासपोर्ट बनाने का आवेदन किया था। जसोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने बताया कि विदेश में हमारे कई रिश्तेदार हैं, और वे चाहते हैं कि जसोदाबेन उनसे मिलने आएं। इसीलिए हमने आवेदन किया था। उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में यह भी कहा कि वह पासपोर्ट हासिल करने के लिए कानूनी विकल्प भी तलाशेंगे क्योंकि यह देश के हर नागरिक का हक है।
जसोदाबेन को दूसरी बार अपने हक से महरूम रहना पड़ रहा है। इससे पहले उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत भारत सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही सुरक्षा का ब्यौरा मांगा था। लेकिन यह भी उन्हें नहीं दिया गया था। जसोदाबेन जो एक सेवानिवृत्त स्कूली अध्यापिका हैं, वह बीच-बीच में यह जानने की कोशिश करती हैं कि देश के प्रधानमंत्री की पत्नी होने के चलते उन्हें क्या-क्या सुख-सुविधाएं मिल सकती हैं, जिनसे उन्हें पूरी तरह से वंचित रखा गया है।