पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और सुरजीत सिंह न्यायिक हिरासत में भेजे गए
पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के लिए बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को मुंबई की एस्पलेनैस अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं पूर्व पीएमसी बैंक निदेशक एस सुरजीत सिंह अरोड़ा को भी 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में तक भेज दिया गया है।
जॉय थॉमस के वकील राकेश सिंह अरोड़ा ने कहा, "जांच एजेंसी ने पुलिस हिरासत में जॉय थॉमस के रिमांड के बढ़ाने के लिए अदालत में एक आवेदन दिया था। हमने उनकी याचिका का विरोध किया और माननीय अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया। थॉमस को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।"
उन्होंने कहा, "हम जल्द ही जमानत की अर्जी भी दाखिल करेंगे और जांच की कार्यवाही भी देखेंगे।"
अरोड़ा कल हुए थे गिरफ्तार
पूर्व पीएमसी बैंक निदेशक एस सुरजीत सिंह अरोड़ा को भी 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। कल, पीएमसी बैंक के पूर्व निदेशक एसएस अरोड़ा को घोटाले के सिलसिले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया था।
क्या है पीएमसी मामला?
पीएमसी बैंक यह पूरा मामला कथित 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले का है। बैंक फिलहाल, आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक के तहत काम कर रहा है। बैंक के पूर्व प्रबंधकों की पुलिस की आर्थिक अपराध (ईओडब्ल्यू) शाखा जांच कर रही है।
गौरतलब है कि बैंक के कुछ अधिकारियों पर फर्जी तरीके से कर्ज बांटने के लिए निजी कंपनी एचडीआईएल के साथ साठगांठ करने का आरोप है। अब हजारों खाताधारक अपने पैसे निकाल पाने में असमर्थ हैं।
पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी। अनियमितता के आरोप के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी) के नियमित कारोबारी ट्रांजेक्शन सहित अधिकांश कारोबार पर पाबंदियां लगा दी है। यह पाबंदी छह महीने तक के लिए लगाई गई है।
पीएमसी बैंक के खाताधारक अब निकाल सकते हैं 40 हजार रुपए
आरबीआइ ने रकम निकासी की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी है। इससे पहले आरबीआइ ने 3 अक्टूबर को खाताधारकों को अपने खाते से कुल जमा राशि में से 25,000 रुपये निकालने की मंजूरी दी थी। यह कदम खाताधारकों के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया था। सबसे पहले आरबीआई ने निकासी की सीमा केवल 1000 रुपये तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया था।