सीएए की सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरने पर बैठीं महिलाएं, पुलिस ने हटाया
नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई से पहले मंगलवार रात को सुप्रीम कोर्ट के बाहर लगभग 20 महिलाएं बच्चों के साथ धरने पर बैठ गईं। हालांकि कुछ समय के बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गेट पर अवैध तरीके से बैठ गईं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट बुधवार को नागरिकता (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता की जांच करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने वाला है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता परखने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
140 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 18 दिसंबर को केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर ए नोटिस जारी किया था। पीठ 143 याचिकाओं पर सुनवाई कर सकती है जिनमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं बी शामिल हैं।
क्यों हो रहा है विरोध?
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के तहत बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आने वाले जैन, हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई और बौद्ध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। साल 2014 से पहले जो भी शरणार्थी भारत में आए होंगे, यदि वो 6 साल से ज्यादा समय तक भारत में रुकते हैं तो उन्हें नागरिकता मिल सकती है। इस मुद्दे पर विपक्ष और कई संगठन विरोध कर रहे हैं और इसे संविधान विरोधी करार दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए के साथ एनआरसी को जोड़ देने की वजह से ये कानून मुस्लिम विरोधी हो जाता है।