‘तीस्ता से दस्तावेज साझा करे पुलिस’
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने कहा कि आरोपी वह सूची प्राप्त करने के हकदार हैं जो राज्य पुलिस ने शीर्ष अदालत को सौंपी है।
सीतलवाड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले का उल्लेख करते हुये कहा कि इस दंपति को कोई सूची नहीं मिली है, हालांकि इस संबंध में मीडिया में खबरें प्रकाशित हुयी हैं।
गुजरात सरकार की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह सूची उन्हें नहीं दी गयी है क्योंकि उनके द्वारा कुछ न कुछ अर्जी दाखिल करने की संभावना थी।
न्यायालय ने 19 फरवरी को सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुये इस दंपति को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। न्यायालय ने इस दंपति को निर्देश दिया था कि वह अपने दोनों गैर सरकारी संगठन सबरंग टस्ट और सिटीजंस फार जस्टिस एंड पीस से संबंधित सारे दस्तावेज जांचकर्ताओं को मुहैया कराये। इनमें दानदाताओं की सूची और वाउचर आदि शामिल हैं।
गुजरात पुलिस का आरोप है कि इन दोनों गैर सरकारी संगठनों के धन का सीतलवाड दंपति ने अपने निजी उपयोग के लिये इस्तेमाल किया है। इस दंपति ने इन आरोपों से इंकार किया है।
गुजरात पुलिस ने 20 फरवरी को शीर्ष अदालत को उन 33 दस्तावेजों की सूची उपलब्ध करायी थी जो उसे इस मामले की जांच के सिलसिले में चाहिए। इसमें 2007 से अब तक के सभी दानदाताओं के नाम, पते और उनके फोन नंबर, वाउचर, अप्रैल, 2008 से दिसंबर, 2014 तक के क्रेडिट कार्ड के बिलों की प्रतियां और इन कार्ड के बिलों के भुगतान के विवरण तथा इससे संबंधित वाउचर आदि शामिल हैं।