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05 August 2015

दोबारा पासपोर्ट लेने के लिए जरूरी नहीं पुलिस सत्यापन

गूगल

उन्होंने कहा कि पहला पासपोर्ट पुलिस रिपोर्ट के आधार पर ही जारी किया जाता है। सरकार के इस स्पष्टीकरण से उन आवेदकों को राहत मिलेगी जिन्हें अपना पासपोर्ट दोबारा पाने के लिए अनिवार्य पुलिस सत्यापन के चलते विलंब का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक नाबालिग, सरकारी सेवक और वरिष्ठ नागरिक (65 साल और इससे अधिक उम्र के) को कुछ खास स्थिति में पुलिस सत्यापन से छूट प्राप्त है।

सिंह ने यही भी कहा है कि फौरी यात्रा जरूरतों को लेकर पासपोर्ट जारी करने के लिए तत्काल प्रणाली को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि पासपोर्ट सौंपे जाने में बेहतरी होने के चलते तत्काल पासपोर्ट के मामले 2012-13 के 11 फीसदी से कम होकर 2014-15 में छह फीसदी हो गए हैं। मंत्री ने कहा, इसके बावजूद, तत्काल प्रणाली को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि यह फौरी यात्रा जरूरत के उद्देश्य को पूरा करता है। वहीं, गृहमंत्रालय पासपोर्ट के लिए देशव्यापी पुलिस सत्यापन परियोजना पर काम कर रहा है ताकि यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए जरूरी मौजूदा एक महीने का समय कम होकर कुछ हफ्ते रह जाए। यह परियोजना नवंबर में बेंगलुरू से शुरू किए जाने की उम्मीद है।

परियोजना के तहत जिला पुलिस के प्रमुख (एसपी या डीसीपी) को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, आधार और क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) तक पहुंच उपलब्ध कराया जाएगा ताकि आवेदक की पहचान, पता और आपराधिक रिकार्ड का ऑनलाइन सत्यापन हो सके।

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TAGS: केंद्र सरकार, पासपोर्ट नियम, पुलिस सत्यापन, विदेश राज्यमंत्री, वी.के. सिंह, लोकसभा, Centre, passport regulations, police verification, External Affairs minister, VK Singh, Lok Sabha
OUTLOOK 05 August, 2015
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