दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चार भारतीय शहर -डब्लूएचओ
डब्लूएचओ द्वारा आज जारी की गयी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के अलावा अन्य कई भारतीय शहरों में खतरनाक होते वायु प्रदूषण से निपटने के लिये तत्काल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कार्य-योजना बनाने की जरुरत है। ग्रीनपीस इंडिया ने लगातार राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना नीति को लागू करने की माँग करता रहा है और अपने रिपोर्ट्स में दिल्ली और देश के दूसरे शहरों में प्रदुषित हवा के खतरों की तरफ इशारा किया है । ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर सुनिल दहिया ने कहा, “इस प्रक्रिया में सभी राज्यों को - और सभी संबंधित पक्षों को - शामिल करना होगा। वायु प्रदुषण आज एक राष्ट्रीय समस्या है और इससे निपटने के लिये एक राष्ट्रीय कार्ययोजना वक्त की जरुरत है”।
दूसरे कारणों के साथ-साथ भारत में जीवाश्म ईंधन की बढ़ती खपत भी वायु प्रदूषण की एक बड़ी वजह है। वायु प्रदूषण में माध्यमिक कणों एसओ2 और एनओएक्स की उल्लेखनीय वृद्धि के लिये थर्मल पावर प्लांट्स से उत्सर्जन को प्रमुख रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सुनिल का कहना है, “हमें खुशी है कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिये कुछ कदम उठाये हैं- जैसे कि थर्मल पावर प्लांट्स से उत्सर्जन के नये मानकों को लागू करना, या वाहनों के लिये भारत VI मानक तय करना। अब सबसे जरुरी यह है कि इन नीतियों और मानदंडों को लागू किया जाये जिससे आम लोगों पर वायु प्रदुषण का मंडरा रहा खतरा कम हो। साथ ही, पर्यावरण पर कई सकारात्मक परिणाम के लिये, सरकार को स्वच्छ, अक्षय ऊर्जा की तरफ बढ़ना चाहिए। यह एकमात्र रास्ता है जिससे हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ्य भविष्य दे सकते हैं”।