संसद की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने की मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को खत्म करने की अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर दिया है। संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह फैसला लिया। इसके साथ ही मंगलवार से ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। अब केंद्र सरकार के सभी कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने संबंधी विधेयक को केंद्र सरकार ने दोनो सदनों में बहुमत से पारित करा लिया। इसके बाद बुधवार को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब यह विधेयक कानूनी रूप से लागू किया जा सकेगा।
लोकसभा में बहुमत से पारित हुआ विधेयक
मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव रखा था। यहां इसे 72 के मुकाबले 352 मतों से पारित करा लिया गया। वहीं, राज्यसभा में इस प्रस्ताव को पहले ही पारित करा लिया गया था। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। मंगलवार को राष्ट्रपति ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। गृह मंत्री द्वारा प्रस्तावित बिल पर मंगलवार को सदन में घंटो चर्चा चली थी।
सदन में क्या बोले शाह?
इस दौरान शाह ने अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर को हुए नुकसान के बारे में विस्तार से बताया और इसे आतंकवाद की जड़ करार दिया। गृहमंत्री शाह ने अनुच्छेद 370 को विकास विरोधी, महिला, दलित और आदिवासी विरोधी बताया और जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने को एक ऐतिहासिक भूल को सही करने वाला ऐतिहासिक कदम कहा। शाह ने विधेयक पारित कराए जाने की प्रकिया पर उठे सवाल का भी जवाब दिया और तर्कों के साथ बताया कि बिल संविधानसम्मत प्रक्रिया के तहत ही लाया गया है।
क्या फैसले से खुश कश्मीर की जनता: अखिलेश
लोकसभा में सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा था कि सुप्रिया जी के पड़ोसी भी उनके बगल में नहीं और मेरे पड़ोसी भी नहीं है। यादव ने कहा कि मंत्री कह रहे थे कि संविधान सभा से पारित कर यह प्रस्ताव लाए हैं। इस पर शाह ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा है आपने गलत समझा। अमित शाह ने कहा कि संविधान सभा मतलब जम्मू कश्मीर की विधानसभा की ओर से राष्ट्रपति यह प्रस्ताव लेकर आए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि जिस प्रदेश के लिए यह फैसला लिया गया है वहां की जनता का क्या मत है यह तो जान लेना चाहिए, वहां के लोग इस फैसले से खुश हैं या नहीं हैं।
बसपा ने किया बिल का समर्थन
बसपा सांसद गिरीश चंद्र ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल और आरक्षण बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इससे लद्दाख के बौद्ध समुदाय के लोगों को फायदा होगा, साथ ही विशेष दर्जा संबंधी धारा 370 को हटाने की मांद काफी लंबे समय से चल रही थी। अब वहां की जनता को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जिससे बाबा साहेब को मानने वालों में खुशी की लहर दौड़ रही है। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का भी बसपा स्वागत करती है।