प्रणब मुखर्जी ने मां को दिया अपनी सभी सफलताओं का श्रेय
प्रणब ने राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित एक स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों से कहा, मेरी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक मेरी मां थीं। जैसा कि मैंने कहा है कि मैं बेमिसाल शरारती था। मैं अपनी मां के लिए एक परेशानी था... दिनभर की शरारत और अन्य चीजों के बाद उनसे मुझे अच्छी खासी पिटाई खानी पड़ती। उन्होंने कहा, और उसके बाद वह आतीं और मुझे प्यार से दुलारतीं तथा पूछतीं कि मैंने सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक क्या काम किया है, जिसे मैं क्रमिक ढंग से बताता।
शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर डाॅ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय के छात्राें से राष्ट्रपति ने कहा, मुझे आपको बताना चाहिए कि आपकी मां सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं। पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के मिराती गांव में स्वतंत्राता सेनानी कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी के घर जन्मे प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता का जीवन जेल से पार्टी कार्यालय के इर्द-गिर्द गुजरा। राष्ट्रपति ने कहा कि वह अपने गांव के उन लड़कों के साथ रहते थे जो गाय चराने जाते थे। उन्होंने कहा, लेकिन जैसे ही सूरज छिपता, मैं तुरंत घर भागता था क्योंकि गांव का लड़का होने के बावजूद उन्हें अंधेरे से बहुत डर लगता था।