मन की बात में बोले पीएम मोदी, त्योहारों के दौरान रखे कोरोना की लड़ाई को याद, UPI से 355 करोड़ का हुआ लेनदेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 81 वें संस्करण को संबोधित किया। विश्व नदी दिवस पर मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए नदियां एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है। तभी तो हम नदियों को मां कहते हैं।
पीएम ने कहा, "आने वाला समय त्योहारों का है, पूरा देश मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की असत्य पर विजय का पर्व भी मनाने वाला है। लेकिन इस उत्सव में हमें देश की कोरोना से लड़ाई को भी याद रखना है, टीम इंडिया इस लड़ाई में रोज़ नए रिकॉर्ड बना रही है।"
पीएम ने कहा कि हमारे शास्त्रों में नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी गलत बताया गया है। हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का प्रयास सबके प्रयास और सहयोग से कर सकते हैं। नमामि गंगे मिशन आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, जगजागृति, जनआंदोलन की बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आजकल एक विशेष ई-ऑक्शन चल रहा। ये इलेक्ट्रॉनिक नीलामी उन उपहारों की हो रही है, जो मुझे समय-समय पर लोगों ने दिए हैं। इस नीलामी से जो पैसा आएगा, वो नमामि गंगे अभियान के लिये ही समर्पित किया जाता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे आज के नौजवान को ये जरूर जानना चाहिए कि साफ-सफाई के अभियान ने कैसे आज़ादी के आंदोलन को निरंतर ऊर्जा दी थी। ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाने का काम किया था। महात्मा गांधी ने स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया था।"
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा पिछले अगस्त महीने में यूपीआई से 355 करोड़ लेनदेन हुए। आज औसतन 6 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का डिजिटल पेमेंट यूपीआई से हो रहा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता, पारदर्शिता आ रही है।
आज आज़ादी के 75वें साल में हम जब आज़ादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, हम संतोष से कह सकते हैं कि आज़ादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है।
आज हम लोगों की ज़िंदगी का हाल ये है कि एक दिन में सैकड़ों बार कोरोना शब्द हमारे कान पर गूंजता है, 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी कोविड-19 ने हर देशवासी को बहुत कुछ सिखाया है। हेल्थकेयर और वेलनेस को लेकर आज जिज्ञासा और जागरूकता बढ़ी है।