पर्रिकर : राफेल सौदे से वायुसेना को मिलेगी राहत
पेरिस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच बातचीत के बाद इन लड़ाकू विमानों को खरीदने के बारे में हुए निर्णय को पर्रिकर ने बहुत अच्छा करार दिया और कहा कि इससे वायुसेना को मजबूती प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी। पर्रिकर ने यहां पीटीआई भाषा से कहा, भारतीय वायुसेना को इस सौदे से जरूरी न्यूनतम राहत मिलेगी। वास्तव में हमने (पिछले) 17 वर्षों में नई पीढ़ी का कोई बड़ा विमान नहीं खरीदा है।
उन्होंने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बेहतर शर्तों पर किया गया अच्छा निर्णय है। दो स्क्वाडन के लिए 36 विमान खरीदना एक अत्यंत सकारात्मक निर्णय है जिसकी जरूरत थी। मोदी ने शक्रवार को पेरिस में कहा था कि भारत देश में लड़ाकू विमानों की महत्वपूर्ण परिचालन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फ्रांस से जल्द ही 36 राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था में खरीदेगा।
पर्रिकर ने कहा, इन विमानों की खरीद के लिए अनुरोध पत्र कई वर्षों से अटका हुआ था। इसकी शुरूआत 2000 में हुई थी और काफी उलझनों के चलते यह पूरा नहीं हो पा रहा था, इसलिए मैं काफी प्रसन्न हूं कि प्रधानमंत्री ने यह पहल की है। रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने में दो वर्ष का समय लग सकता है क्योंकि उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था का मतलब यह नहीं है कि हमें वह कल मिल जाएंगे।
उन्होंने कहा, विमानों को भारत की जरूरत के मुताबिक डिजाइन करना होगा। उन्होंने कहा कि कीमत को लेकर बातचीत होगी जिसे वर्तमान में 700 करोड़ रूपया आंका गया है। उन्होंने कहा, हमें एकल इंजन तरह के हल्के विमान की जरूरत है। यद्यपि साथ ही हमें गहरी पैठ वाले दोहरे इंजन वाले विमानों भी की जरूरत है जिसकी प्रौद्योगिकी एवं अन्य उपकरण नवीनतम हों जो भारत को उसके पारंपरिक दुश्मनों पर बढ़त प्रदान कर सके।
उन्होंने कहा कि 36 विमानों की खरीद अंतर को तत्काल भरने के लिए है। उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस का अगले महीने अंतिम उड़ान परीक्षण होगा। उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया भारत की वायुसेना की ताकत के लिए एक दीर्घकालिक हल है। पर्रिकर ने कहा, हमें तेजस के विकास को आगे बढ़ाना होगा और हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ उच्च श्रेणी के विमान भी बनाए।