रोजगार और विकास की तरह केंद्र कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुँचने दे रही- राहुल गांधी
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से हर ओर लाचारी-बेबसी नजर आ रही है। लोगों को ना तो बेड्स मिल रहे हैं और ना ही ऑक्सीजन। लगातार सिस्टम चरमराता जा रहा है। केंद्र और राज्यों के लाख दावों के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। इसमें मौत के आंकडों का भी खेल चल रहा है। पिछले दिनों आउटलुक ने ही बताया था कि दिल्ली में एक सप्ताह के भीतर के आंकड़ों को देखें तो नगर निगम और दिल्ली सरकार- दोनों के आंकड़ों में 700 से अधिक मौतों का अंतर है। कई राज्यों से लगातार इस तरह की खबरें आ रही है।
राज्य के आंकड़े और श्मसान घाट में लगातार जलते शव कुछ और बयां कर रहे हैं। अब राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला बोलते हुए सोमवार को ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा, "रोजगार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुँचने दे रही। महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया!"
दरअसल विदेशी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भी केंद्र के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। अखबार ने लिखा है कि भारत के अस्पताल भरे हुए हैं, ऑक्सीजन की कमी है, लोग डॉक्टरों को दिखाने के लिए इंतजार में मर रहे हैं, ये तमाम बातें दिखाती हैं कि मौत का असली आंकड़ा, सरकारी आंकड़ों से काफी अधिक है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 24 अप्रैल को पूरे देश में कोरोना वायरस से 2767 लोगों की मौत हुई। लेकिन, देशभर के श्मशानों से आ रही तस्वीरें अलग ही कहानी बता रही हैं।