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22 January 2020

26 जनवरी से महाराष्‍ट्र के सभी स्‍कूलों में संविधान की प्रस्‍तावना का पाठ होगा अनिवार्य

महाराष्ट्र के स्कूलों में गणतंत्र दिवस से रोजाना सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार के एक परिपत्र के मुताबिक, प्रस्तावना पढ़ना "संविधान की संप्रभुता, सभी के कल्याण" का हिस्सा है।

राज्यमंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा, 'छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे, ताकि वे इसका महत्व जान सकें। सरकार का यह काफी पुराना प्रस्ताव है, लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे।'

गायकवाड़ ने कहा कि इस संबंध में सरकार ने फरवरी 2013 में निर्देश जारी किया था। उस समय राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार थी। छात्र हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद प्रस्तावना का पाठ करेंगे।

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राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रस्तावना का पाठ 'संविधान की संप्रभुता, सबका कल्याण' अभियान का हिस्सा है। 

सीएए-एनआरसी विरोध के बीच उठाया गया कदम

छात्रों के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और संभावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि स्कूल एसेंबली के दौरान प्रस्तावना पढ़ने के बारे में एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) फरवरी 2013 में जारी किया गया था जब कांग्रेस-एनसीपी सरकार सत्ता में थी। 21 जनवरी, 2020 के परिपत्र के अनुसार, पुराने जीआर को लागू नहीं किया जा रहा था।

क्या महाराष्ट्र में भी लागू नहीं होगा सीएए?

महाराष्ट्र में भी संशोधित नागरिकता कानून का व्यापक स्तर पर विरोध चल रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी की सरकार है। कांग्रेस और एनसीपी ने खुलेआम बोल दिया है कि वे सीएए और एनआरसी का विरोध करेंगे। इन दोनों दलों का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा मगर शिवसेना ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

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TAGS: Reading of Preamble, mandatory, all schools, Jan 26, Maharashtra govt
OUTLOOK 22 January, 2020
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