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08 August 2018

लिट्टे से रिश्ता और जयललिता से दुश्मनी? एम करुणानिधि का इन पांच विवादों से रहा नाता

तमिलनाडु की राजनीति में लगभग सात दशकों तक राज करने वाले एक बड़े स्तंभ एम करुणानिधि ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनके संघर्ष के किस्से, उनसे जुड़े विवाद लोगों की जुबान पर रह गए हैं।

तमिलनाडु के एक सामान्य से परिवार में पैदा हुए करुणानिधि ने गरीबी के कारण से केवल आठवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया। तमिलनाडु की राजनीति में व्यापक बदलाव लाने वाले एम करुणानिधि की सियासत भी विवादों से अछूती नहीं रही। हालांकि उन्होंने हर कठिनाइयों का डटकर सामना किया।

एलटीटीई प्रमुख से रिश्ते पर उठे सवाल

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एम. करुणानिधि और लिट्टे (एलटीटीई) प्रमुख वी प्रभाकरन की दोस्ती को लेकर राजनीतिक गलियारों में अक्सर विवाद खड़ा होता रहा है। खुद करूणानिधि का कहना था कि वे प्रभाकरन को आतंकवादी नहीं मानते और अगर श्रीलंका में जारी लड़ाई के दौरान प्रभाकरन की मौत हो गई तो उन्हें बेहद दुख होगा। उनके मुताबिक ऐसा होता है तो यह तमिल गुटों के बीच एकता की कमी के चलते होगा। लिट्टे के लक्ष्य 'जायज' हैं लेकिन इन्हें हासिल करने के तरीके गलत हैं।

एलटीटीई से उनके रिश्ते ने भी कई सवाल खड़े किए। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का कहना था कि एलटीटीई से संबंधों की वजह से ही साल 1991 में उन्होंने करुणानिधि सरकार को बर्खास्त किया था।

जयललिता Vs करुणानिधि

जयललिता और करुणानिधि के बीच सियासी दुश्मनी के बारे में कौन नहीं जानता। 1989 में घटी घटना ने लोगों को काफी हैरान किया। इस दौरान तमिलनाडु विधानसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि के सामने जयललिता के अपमान की घटना ने सूबे की राजनीति में निजी कड़ुवाहट बढ़ाने का काम किया। कुछ सालों बाद जब जयललिता मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने एक मामले में आधी रात को करुणानिधि को नींद में उठाकर जेल में डलवा दिया था। इस दौरान करुणानिधि अस्त-व्यस्त कपड़ो में पुलिस के सामने चीखते-चिल्लाते रहे।

भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल

एम करुणानिधि ने एक बार ये भी कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है कि भगवान राम ने किसी पुल का निर्माण किया था और वे इंजीनियरिंग में एक्सपर्ट थे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा था, आप बताइए कि राम कहां रहते थे?

एमजीआर थे कभी दोस्त...

तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन कभी करुणानिधि के मित्र हुआ करते थे। वे उन्हें अपना नेता भी मानते थे। हालांकि कुछ समय बाद एमजी रामचंद्रन ने भ्रष्टाचार और वंशवाद का आरोप लगाकर उनसे अलग हो गए। इसके बाद तमिलनाडु की सियासत बदल गई। दरअसल, एमजी रामचंद्रन ने डीएमके से अलग होकर एआईएडीएमके बना ली। बाद में एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बने।

अपने उसूलों की वजह प्रेमिका से नहीं की थी शादी

कहा जाता है कि करूणानिधि अपने उसूलों के पक्के थे। 1944 में जब करुणानिधि 20 वर्ष के जवान थे तो अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहते थे। लेकिन उनकी प्रेमिका के घरवाले परंपरागत रीति-रिवाज से शादी करने के पक्ष में थे। जबकि परंपरागत तरीका यानी मंत्रोच्चार और मंगलसूत्र वगैरह को करुणानिधि पाखंड मानते थे और इसीलिए वह इसके लिए तैयार नहीं हुए। नतीजा ये हुआ कि उन की प्रेमिका से उनका रिश्ता टूट गया।

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TAGS: Relationships with LTTE, hostility to Jayalalithaa, M Karunanidhi, relationship, five disputes
OUTLOOK 08 August, 2018
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