17 March 2015
जाटों से छिना आरक्षण
आरक्षण के लाभों का विस्तार जाट समुदाय तक करने वाली केंद्र की अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय ने निरस्त कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अतीत में ओबीसी सूची में किसी जाति को संभावित तौर पर गलत रूप से शामिल किया जाना गलत रूप से दूसरी जातियों को शामिल करने का आधार नहीं हो सकता
अदालत ने यह भी कहा है कि जाट जैसी राजनीतिक रूप से संगठित जाति को ओबीसी सूची में शामिल करना अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सही नहीं है।
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न्यायालय ने ओबीसी पैनल के उस निष्कर्ष पर ध्यान नहीं देने के केंद्र के फैसले में खामी पाई जिसमें कहा गया था कि जाट पिछड़ी जाति नहीं है।