तत्काल टिकट में बड़ी धांधली का पर्दाफाश, सीबीआई सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर गिरफ्तार
सीबीआई ने रेलवे के तत्काल रिजर्वेशन सिस्टम में सेंध लगाने के आरोप में अपने ही सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर को गिरफ्तार किया है। अजय गर्ग नामक इस व्यक्ति को बुधवार साकेत की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया।
गर्ग पर आरोप है कि उसने आईआरसीटीसी द्वारा चलाए जा रहे तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में छेड़छाड़ के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर विकसित किया था। यह साजिश अनिल कुमार गुप्ता के साथ रची थी। इन लोगों ने सॉफ्टवेयर को निजी व्यक्तियों को भारी भरकम रकम में अवैध इस्तेमाल के लिए बेच दिया था। अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि गर्ग द्वारा बनाए सॉफ्टवेयर की मदद से माउस के एक क्लिक पर सैकड़ों तत्काल टिकट बुक किया जा रहा था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि सीबीआई ने अपने सहायक प्रोग्रामर अजय गर्ग और एक अन्य आरोपी अनिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है।
बिटकॉइन और हवाला के जरिए लेता था पैसा
अजय गर्ग सॉफ्टवेयर देने के बदले एजेंटों से पैसे बिटकॉइन और हवाला के जरिए लेता था ताकि वह जांच एजेंसियों और लोगों की निगाहों से बचा रहे। गर्ग के मुख्य सहयोगी अनिल गुप्ता एजेंटों को सॉफ्टवेयर बेचा करता था। इनके अलावा 10 एजेंटों की पहचान की गई है, जिनमें से सात जौनपुर और तीन मुंबई में हैं।
रेल मंत्री ने दिए ये निर्देश
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने आईआरसीटीसी और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) को निर्देश दिया है कि वे सीबीआइ के एक कथित टिकट घोटाले के सिलसिले में साइबर सुरक्षा को मजबूत करें।
कौन है अजय गर्ग?
अजय मौजूदा समय में सीबीआई में असिस्टेंट प्रोग्रामर है। गर्ग ने 2012 में सीबीआई में सहायक प्रोग्रामर के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की थी। उसका चयन एक प्रक्रिया के तहत किया गया था। इससे पहले वह 2007 से 2011 के बीच आईआरसीटीसी के लिए काम करता था। वहीं उसे रेलवे टिकटिंग सिस्टम के बारे में गहराई से पता चला।