ईडी ने कोर्ट से कहा- हिरासत में लेकर रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ करने की जरूरत
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट से गुरुवार को कहा कि रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ किए जाने की जरूरत है क्योंकि ‘‘धन के लेन-देन की कड़ियों’’ से कथित रूप से उनका सीधा संबंध है।
ईडी ने जस्टिस चंद्र शेखर के सामने कहा कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में मदद नहीं कर रहे हैं।
वाड्रा के वकील ने क्या कहा?
वाड्रा के वकील ने ईडी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी जब कभी उनके मुवक्किल को बुलाती है, वह उसके सामने पेश होते हैं और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है।
वकील ने यह भी कहा कि ईडी ने जो सवाल किए, उनके मुवक्किल ने उनका जवाब दिया और उन पर लगाए गए आरोपों को ‘‘स्वीकार नहीं करने’’ का यह मतलब नहीं है कि वह मदद नहीं कर रहे हैं।
रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने कहा कि संजय भंडारी द्वारा की गई प्रॉपर्टी की खरीद से रोबर्ट वाड्रा का कोई लेना-देना नहीं है। वकील ने कोर्ट से समय मांगा, क्योंकि आज दूसरे राज्यों में भी रॉबर्ट वाड्रा के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में सुनवाई थी और वाड्रा के मुख्य वकील केटीएस तुलसी दिल्ली में उपस्थित नहीं थे।
अगली सुनवाई पांच नवंबर को
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले पर अंतिम बहस के लिए पांच नवंबर की तिथि तय की।
वाड्रा ने किया था ईडी की याचिका का विरोध
गौरतलब है कि इससे पहले मंगवार को रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी की उस याचिका का विरोध किया है जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई है। वाड्रा ने अपने उत्तर में कहा कि इस प्रकार का कोई उदाहरण नहीं है जब उन्होंने जांच में मदद नहीं किया हो और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का भी कोई अंदेशा नहीं है, क्योंकि ईडी उनके पास से मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों को पहले ही जब्त कर चुकी है। उन्होंने दावा किया कि ईडी बेमतलब की जांच कर रही है और उसके पास उनके विरूद्ध आरोपों के समर्थन में कुछ भी सामग्री नहीं है। मामले पर सुनवाई के लिए 26 सितंबर यानी की तारीख मुकर्रर की गई थी।
क्या है मामला?
निचली अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमानत दे दी थी जिसे ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। वाड्रा पर लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित 17 करोड़ रुपए की सम्पत्ति की खरीदारी में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।