रोटोमैक ने नहीं चुकाए 7 बैंकों के 3695 करोड़, हिरासत में विक्रम कोठारी
मशहूर उद्योगपति और रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी पर सीबीआई और ईडी का शिंकजा कस गया है। सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी को तिलकनगर स्थित घर में ही हिरासत में लिया है।
बता दें कि सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी और इसके संचालकों के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि रोटोमैक और विक्रम कोठारी सहित 3 संचालकों ने 7 बैंकों के 3695 करोड़ रुपए नहीं चुकाए, इन लोगों ने धोखाधड़ी करके ये कर्ज हासिल किया था। सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके डायरेक्टर विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
CBI is conducting searches at three places in Kanpur and questioning all the three accused Directors - Vikram Kothari, Sadhana Kothari & Rahul Kothari. CBI has also sealed a residential premises and an office of Rotomac Directors in New Delhi. #PNBFraudCase
— ANI (@ANI) February 19, 2018
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी विक्रम कोठारी के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने सोमवार सुबह कोठारी के कानपुर उसके निवास समेत कुल 3 ठिकानों पर छापा भी मारा।
हालांकि इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद विक्रम कोठारी मीडिया के सामने आए और कहा कि उन्होंने बैंक से लोन जरूर लिया है, लेकिन लोन चुकता नहीं करने की बात गलत है। उन्होंने कहा कि उनका बैंक का एनसीएलटी के अंदर केस चल रहा है। विवाद का निष्कर्ष निकल आएगा। वहीं देश छोड़कर भागने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं कानपुर का रहने वाला हूं। कानपुर में ही रहूंगा। भारत से बेहतर देश कोई नहीं है।'
विक्रम कोठारी के वकील शरद कुमार बिड़ला ने कहा, 'यह लोन डिफॉल्ट का मामला है न कि फ्रॉड का।'
आरोप है कि कानपुर स्थित रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने 5 सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया था। इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियम-कानून को ताक पर रखकर विक्रम कोठारी को इतना बड़ा लोन दिया।
विक्रम कोठारी ने सबसे ज्यादा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ का लोन लिया है। उसने इलाहाबाद बैंक से भी 352 करोड़ की रकम का कर्ज लिया था, लेकिन एक साल हो जाने के बावजूद उसने बैंकों को न तो लिए गए लोन पर ब्याज चुकाया है और न लोन वापस लौटाया है। कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों ने ताला बंद है।