30 सालों तक आरएसएस और समान विचारधारा वाले संगठनों ने मंदिर निर्माण के लिए काम किया: मोहन भागवत
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को भूमि पूजन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। भूमि पूजन के बाद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने परिसर को संबोधित करते हुए कहा कि संघ और अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के संकल्प को पूरा करने के लिए लगभग 30 वर्षों तक काम किया। इस समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेन, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी शामिल हुएं।
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आरएसएस प्रमुख ने मंदिर आंदोलन में योगदान के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संरक्षक लालकृष्ण आडवाणी और दिवंगत वीएचपी नेता अशोक सिंघल का उल्लेख किया। भागवत ने कहा कि यह दिन भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास को लाता है।
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वहीं, पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि "राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुले-मिले हैं। आप भगवान राम की अद्भूत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं। क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं।" इस अवसर पर उन्होंने राम भक्तों को बधाई दीं। पीएम ने कहा कि राम मंदिर का भूमि पूजन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है। पूरे देश में उत्सव है।
भागवत ने अपने संबोधन में कहा यह भी कहा कि ये भारत को वैभवशाली बनाने की शुरुआत है। सदियों की आस पूरी होने से पूरे देश में आनंद है। मंदिर निर्माण के लिए कइयों ने बलिदान दिए है। मोहन भागवत से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने परिसर को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये 5 सौ सालों का बड़ा और कड़ा संघर्ष रहा है। आज 5 शताब्दियों का संकल्प पूरा हो रहा है।