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13 July 2016

‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

इस मौके पर अपनी तकरीर में जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सइय्यद अरशद मदनी ने कहा ‘मोहब्बत और राष्ट्रीय एकता मुल्क की मजबूती की अहम बुनियाद है। जमीअत का नजरिया भी इसी सोच पर आधारित है। शुरू से लेकर आज तक जमीअत ने मजहब से ऊपर उठकर समाज में इंसानियत की बुनियाद पर अपनी सेवाएं दी हैं।‘ मदनी साहब ने बताया कि किस प्रकार जंग-ए-आजादी में लाखों उलेमाओं ने शहादत दी थी। उसके बाद जमीअत ने कांग्रेस के सदस्यों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। मदनी साहब ने कहा कि आज मुल्क को मोहब्बत और अमन की जरूरत है। बल्कि आज पहले से ज्यादा ऐसे माहौल की जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा ‘आज जिस प्रकार की सोच को आजादी मिली हुई है, वह उससे पहले देखने को नहीं मिली थी। महात्मा गांधी को अंग्रेजों का पिट्ठू कहना, ताल ठोककर उनके कत्ल की जिम्मेदारी लेना, यह सब मुल्क की बदकिस्मती है। यहां तक कि अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित किए जाने की बात हो रही है। घर वापसी के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ऐसे में हुकूमत खामोश है। यह चीजें जम्हूरियत और धर्मनिरपेक्षता के लिए घातक हैं। उन्होंने ईद मिलन जैसे कार्यक्रमों को गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखने के लिए जरूरी बताया।

 

इस मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश सभी का है। हर मजहब, हर वर्ग के लोगों का है। यहां किसी को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के 70 फीसदी लोग भाजपा के साथ नहीं है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर कहा कि कांग्रेस ने जो बीते दस सालों में मेहनत की थी वह 15 मिनट में खत्म कर दी गई। लोगों को जोड़ना मुश्किल काम है और तोड़ना बहुत आसान है। इस मौके पर जनता दल (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि देश में सिर्फ एक-तिहाई लोग ही भाजपा-एनडीए के साथ हैं।

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इस मौके पर देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, मौलाना तकरीर रजा, राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजीत सिंह, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के मोहम्मद सलीम, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, मणिशंकर अय्यर, राजीव शुक्ला, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, इमरान किदवई, सलमान खुर्शीद, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जमीउरद्दीन शाह, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, आचार्य प्रमोद कृष्णन, स्वामी अग्निवेश, शाहिद सिद्दकी, शबनम हाशमी, जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी, जमीअत अहले हदीस के अध्यक्ष मौलाना असगर अली इमाम मेहदी, सांसद असरारुल हक कासमी, जस्टिस राजेंद्र सच्चर, अतुल अंजान, नावेद हामिद, जॉन दयाल और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह शामिल थे।   

 

 

 

   

 

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TAGS: जमीअत-उलमा-ए-हिंद, ईद मिलन समारोह , उपराष्ट्रपति , सियासतदान, , धार्मिक नेता, राजदूत, राहुल गांधी, जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सइय्यद अरशद मदनी
OUTLOOK 13 July, 2016
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