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21 April 2019

बाबरी मस्जिद पर प्रज्ञा का विवादित बयान, कहा- ढांचे पर चढ़कर तोड़ा, चुनाव आयोग ने दिया नोटिस

भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार और 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने अब एक और विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ढांचा (बाबरी मस्जिद) गिराकर उन्होंने देश का कलंक मिटाया था और इसका उन्हें गर्व है।

26/11 मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर दिए विवादित बयान के एक दिन बाद साध्वी प्रज्ञा ने बाबरी मस्जिद पर बयान दिया है। एक टीवी चैनल के रिपोर्टर से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''राम मंदिर हम बनाएंगे। हम तोड़ने गए थे ढांचा। मैंने ढांचे पर चढ़कर तोड़ा था। भयंकर गर्व है मुझे। मानती हूं ईश्वर ने मुझे मौका दिया था, शक्ति दी थी और मैंने वह कार्य किया। देश का कलंक मिटाया था।"

चुनाव आयोग ने दिया  नोटिस

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भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान के लिए उनको एक नोटिस जारी किया और एक दिन के भीतर अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा।

इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग नोटिस दे चुका है। आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर से स्पष्टीकरण मांगा। भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी और भोपाल कलेक्टर सुदाम खाडे ने कहा कि हमने बयान का संज्ञान लिया और मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) से रिपोर्ट मांगी। खाडे ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक को कुछ शर्तों पर अनुमति दी गई थी, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू थी। एक दूसरे अधिकारी के अनुसार कार्यक्रम की अनुमति देने से पहले निर्धारित शर्तों के अनुसार किसी विशेष व्यक्ति को बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने पर प्रतिबंध है।

प्रज्ञा के इस बयान पर मचा है विवाद

प्रज्ञा ने गुरुवार शाम को भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, '‘मैं मुंबई जेल में थी उस समय। जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वीजी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।'’

साध्वी ने कहा, ‘'इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।'’

जमानत पर बाहर प्रज्ञा ठाकुर (48) को 2008 के मामले में कड़े महाराष्ट्र नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपों में अदालत द्वारा राहत दे दी गई है, लेकिन अभी भी अन्य आपराधिक प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां शामिल हैं।

 

 

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TAGS: sadhvi pragya thakur, controversial statement, babri mosque
OUTLOOK 21 April, 2019
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