आईएम के संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी पर सलमान खुर्शीद ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश, गुजरात और दिल्ली में हुए सलिसिलेवार विस्फोटों से ताल्लुक रखने वाले इंडियन मुजाहिदीन के एक कथित आतंकवादी को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया गया। वह बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान बच निकला था। लेकिन इस गिरफ्तारी पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने इस पर प्रश्न चिह्न लगाया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि उसे बाटला हाउस जहां एनकाउंटर हुआ था, वहीं से गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। पुलिस ये बताए कि उसे उसी दौरान गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका था। वो भागने में कामयाब कैसे हो गया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करना पुलिस का काम है। जिसको गिरफ्तार किया गया है उसके खिलाफ केस भी जल्दी चलाना चाहिए।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आईएम के संदिग्ध सदस्य की गिरफ्तारी के साथ कांग्रेस का राजनीतिक पाखंड बेनकाब हो गया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि बटला हाउस प्रकरण राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय था, ना कि धर्म से। उन्होंने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा के संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस का राजनीतिक पाखंड बेनकाब हो गया है।
इधर डीसीपी (स्पेशल सेल) पीएस कुशवाह ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने आरिज खान (32) को भारत-नेपाल सीमा पर बनवासा से गिरफ्तार किया।
कुशवाह ने बताया कि खान देश में आईएम और सिमी के बड़े नेताओं के गिरफ्तार होने के बाद इन संगठनों में नयी जान फूंकने की कोशिश में शामिल था। वह एक दशक से फरार था और उसकी गिरफ्तारी पर 15 लाख रूपये का ईनाम था। वह आईएम के आजमगढ़ (संजरपुर) माड्यूल का एक सदस्य था और नेपाल में रहता था, जहां वह एक स्कूल में पढ़ाता था। उसके सहयोगी तौकीर को इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस में हुई मुठभेड़ में चार अन्य लोगों के साथ खान भी मौजूद था। मुठभेड़ के दौरान वह वहां से भाग निकला था। हालांकि इस घटना में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए थे और कई को गिरफ्तार किया गया था।