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22 March 2018

SC ने केंद्र से पूछा, ‘पेंशन लोगों का हक, सब्सिडी नहीं, आप इसे आधार से कैसे जोड़ सकते हैं?’

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के लिए आधार को अनिवार्य करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे सरकार के पूर्व कर्मचारी हैं और उनकी पहचान संदेह में नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि पेंशन खाते केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा ही संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि "यह नकली पहचान का मामला कैसे हो सकता है?

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचुद, ने अपने दिवंगत पिता और पूर्व सीजेआई वाई वी चंद्रचुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वह पेंशन खाते को खुद संचालित करते थे और इसलिए किसी और का संचालन करने का कोई सवाल ही नहीं था।

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जस्टिस सीकरी ने कहा कि पेंशन लोगों का हक है यह सरकार की सब्सिडी नहीं है, आखिर यह कैसे आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 7 से जुड़ा है। पेंशन नौकरी के बाद हक के तौर पर दी जाती है।

कोर्ट ने कहा, ‘कई लोग ऐसे हैं जो नौकरी के बाद विदेश अपने बच्चों के पास चले जाते हैं। एनआरआई के लिए आधार का प्रावधान नहीं है। ऐसे में पेंशनर जो विदेश में रहते हैं, उन्हें पेंशन कैसे मिल पाएगा। पेंशनर को आधार न होने के कारण पेंशन से वंचित होना पड़ा है। पेंशन न तो लाभ है, न सब्सिडी है और न ही सेवा है। सरकार को इस मामले में उपाय करना चाहिए। आधार ऐक्ट की धारा-3 कहती है कि जो रेजिडेंट्स नहीं है उसे आधार नहीं मिलेगा।’

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TAGS: SC, Center, 'Pension is the right, people, not subsidies, Aadhaar
OUTLOOK 22 March, 2018
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