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15 December 2016

सुप्रीम कोर्ट ने राजमार्गों पर शराब की दुकानों पर लगाया प्रतिबंध

गूगल

प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गों पर शराब की दुकानों की मौजूदगी का संकेत देने वाले सारे बोर्ड और संकेतकों पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्देश दिया है।

शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह ही हर साल डेढ लाख से अधिक घातक सड़क दुर्घटनायें होने पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा था कि वह राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शराब की दुकानें बंद करने और इनके बारे में जानकारी देने वाले संकेतकों को हटाने का निर्देश दे सकती है।

शीर्ष अदालत ने राजमार्गों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने के लिये आबकारी कानून में संशोधन करने का निर्देश देने संबंधी याचिकाओं पर सात दिसंबर को सुनवाई पूरी की थी। न्यायालय ने अपने फैसले में इस तरह के निर्देश में ढील देने और राजमार्गों के निकट शराब की दुकानों , यदि वे थोडी ऊंचाई पर स्थित हों, की अनुमति देने का अनुरोध करने पर पंजाब सरकार की तीखी आलोचना की।

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पीठ ने कहा, जरा लाइसेंस की उस संख्या पर गौर कीजिये जो आपने (पंजाब ने) दिये हैं। चूंकि शराब लाबी बहुत ताकतवर है, इसलिए सब खुश हैं। आबकारी विभाग, आबकारी मंत्री और राज्य सरकार खुश है कि उन्हें पैसा मिल रहा है। यदि एक व्यक्ति की इस वजह से मृत्यु होती है तो आप उसे एक या डेढ लाख रूपए दे देते हैं। बस। आपको ऐसा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जो समाज के लिये मददगार हो।

न्यायालय ने शराब की बिक्री निषेध करने के सांविधानिक दायित्व के बारे में राज्य सरकार को याद दिलाया और कहा कि राज्य को हर साल करीब डेढ लाख व्यक्तियों की हो रही मौत को ध्यान में रखते हुये आम जनता के लिये कछ करना चाहिए।

पीठ ने सड़कों के किनारे स्थित शराब की दुकानें हटाने के मामले में विभिन्न राज्यों की कथित निष्क्रियता पर भी अप्रसन्न्ता व्यक्त की जिनकी वजह से शराब पीकर वाहन चालने की प्रवृत्ति बढ रही है और जिसका नतीजा घातक हो रहा है।

न्यायालय ने कहा था कि राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश के लिये राजमार्गों पर शराब की दुकानों के लाइसेंस देने के लिये राजस्व के अवसर बढाना वैध कारण नहीं हो सकता है। न्यायालय ने कहा कि प्राधिकारियों को इस समस्या को खत्म करने के लिये सकारात्मक नजरिया अपनाना चाहिए।

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TAGS: Supreme Court, ban on all liquor shops, national and state highways, उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्ग, शराब की दुकानें, बंद करने का आदेश
OUTLOOK 15 December, 2016
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