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19 April 2017

बाबरी मस्जिद मामला: आडवाणी, जोशी सहित 13 नेताओं पर चलेगा मुकदमा

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सुनवाई के दौरान जस्टिस पी सी घोष और रोहिंटन नरीमन की बेंच ने पूरे मसले पर दोबारा गौर किया। जजों ने माना कि महज़ तकनीकी वजहों से किसी आरोपी का बचना गलत है। बेंच ने लखनऊ और रायबरेली के मुकदमों को एक साथ चलाने के संकेत दिए। कहा कि रायबरेली के मुकदमे को भी लखनऊ की कोर्ट में ट्रांसफर किया जा सकता है। कोर्ट ने 25 साल तक मामले के खिंचने पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा, “हम मामले में रोज़ाना सुनवाई करने और उसे 2 साल के भीतर निपटाने का आदेश दे सकते हैं।” वहीं कल्याण सिंह पर कोर्ट ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कार्यालय छोड़ने के बाद ही उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है।

गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के दो मामलों पर ट्रायल चल रहा है। ढांचा गिराए जाने के समय उपस्थित अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ केस लखनऊ कोर्ट में और भाजपा नेताओं से जुड़ा एक केस रायबरेली कोर्ट में है।यह मामला तकनीकी कारणों से बड़े नेताओं से साज़िश की धारा हट जाने का है। जिसमें कई नेता मुकदमे से पूरी तरह ही बच गए थे। मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट से अपने खिलाफ फैसला आने के बाद सीबीआई सर्वोच्च न्यायालय पहुंची थी।

बता दें कि पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलना चाहिए। इस पर सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि रायबरेली में 57 लोगों की गवाही ली जा चुकी है। वहीं, 100 से ज्यादा लोगों की गवाही ली जानी है। यह भी बताया कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ आरोपों को हटा लिया गया था। इनमें बीजेपी नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा, बाबरी मस्जिद को ढहाने के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थीं।

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TAGS: babri masjid demolition, ADWANI, बाबरी, अदालत, आडवाणी, verdict, SC, case, जोशी
OUTLOOK 19 April, 2017
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