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22 February 2019

कश्मीरी छात्रों पर हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार और 10 राज्यों को नोटिस

File Photo

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित 11 राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी नोडल अधिकारियों से कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। 

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार और 10 राज्यों को नोटिस जारी कर कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमले को रोकने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद कई राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले हो रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।

पुलवामा हमले के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि राज्यों की ओर से नियुक्त नोडल अफसर कश्मीरी या किसी दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के साथ किसी भी तरह के सोशल बॉयकॉट, धमकी, भेदभाव पर नजर रखें और इसे रोकने के लिए जरूरी प्रभावी कदम उठाएं।

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कोर्ट ने इन राज्यों को भेजा नोटिस

कोर्ट ने अदालत के आदेश और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध का भी निर्देश दिया है। जिन राज्यों को नोटिस जारी हुआ है, उनमें महाराष्ट्र , पंजाब , उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, मेघालय, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड शामिल हैं। कोर्ट ने इन सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट आगे की सुनवाई बुधवार को करेगा।

14 फरवरी को पुलवामा में हुआ था आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आतंकी हमला 14 फरवरी को हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।

आतंकी संगठन जैश का सदस्य था आत्मघाती हमलावर

जवानों पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था, जो कश्मीर का ही रहने वाला था। वह आतंकी संगठन जैश का सदस्य था। इस हमले के बाद देश भर में सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट भी जारी किए गए।

इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने गुरुवार को वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज की इस बात पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है, क्योंकि यह छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

पीठ ने शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया

पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, लेकिन इस पर विचार के लिए इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया। याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी की थी गाइडलाइन

दरअसल, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइन जारी की थी। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कश्मीरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था। कश्मीरियों पर हमले की खबरें सामने आने के बाद कश्मीर में बंद का ऐलान किया गया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों और छात्रों को धमकी और परेशान करने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं।

ऐसे में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं। वहीं, जम्मू में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई थी। शहर में तीसरे दिन लगातार कर्फ्यू लगा हुआ था। 

पीएम मोदी की चुप्पी पर उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरियों के खिलाफ हो रही हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया।

उन्होंने ट्वीट कर पूछा कि प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब क्या हम कश्मीरी छात्रों और अन्य को टारगेट कर किए जा रहे सुनियोजित हमलों की निंदा के कुछ शब्द सुनेंगे या आपकी चिंता कश्मीर तक विस्तारित नहीं होती है। वे सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें एक कश्मीरी की कोलकाता में पिटाई होते दिखाया गया है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोलकाता में एक कश्मीरी युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मैं डेरेक ओ ब्रायन और ममता बनर्जी के साथ इस मामले में संपर्क में हूं। दोषियों की पहचान कर ली गई है और कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। जिस युवक की पिटाई हुई थी उससे प्रशासन ने संपर्क किया है और वे उसकी देखभाल कर रहे हैं।

 

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TAGS: SC, issues notice, Centre and 11 states, plea seeking direction, protect Kashmiris, Pulwama terror attack
OUTLOOK 22 February, 2019
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