Advertisement
05 May 2021

मराठा समुदाय को आरक्षण असंवैधानिक करार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये 50 फीसदी सीमा का है उल्लंघन

file photo

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा  सरकारी नौकरियों में मराठों को आरक्षण देने के कानून को "असंवैधानिक" करार दिया है। यह आरक्षण आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया गया था। कोर्ट ने बुधवार को दिए फैसले में कहा कि 50% आरक्षण की सीमा तय करने वाले फैसले पर फिर से विचार की जरूरत नहीं है। उसके अनुसार मराठा आरक्षण 50% सीमा का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने कहा मराठा समुदाय के लोगों को रिजर्वेशन देने के लिए उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा वर्ग नहीं कहा जा सकता। मराठा रिजर्वेशन लागू करते वक्त 50% की सीमा को तोड़ने का कोई संवैधानिक आधार नहीं है।

इसके पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में इस आरक्षण को 2 मुख्य आधारों पर चुनौती दी गई। पहला- इसके पीछे कोई उचित आधार नहीं है। इसे सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए दिया गया है। दूसरा- यह कुल आरक्षण 50% तक रखने के लिए 1992 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार फैसले का उल्लंघन करता है। लेकिन, जून 2019 में हाईकोर्ट ने इस आरक्षण के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने माना कि असाधारण स्थितियों में किसी वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है। हालांकि, आरक्षण को घटा कर नौकरी में 13% और उच्च शिक्षा में 12% कर दिया गया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: मराठा समुदाय, सुप्रीम कोर्ट, सीमा का उल्लंघन, मराठा समुदाय को आरक्षण, Maratha community, Supreme court, violation of boundary, reservation to Maratha community
OUTLOOK 05 May, 2021
Advertisement