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05 December 2015

आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में शिक्षक गिरफ्तार

गूगल

साबर को आज सुबह गिरफ्तार किया गया और सरकारी गोपनीयता कानून के प्रावधानों के तहत उस पर मामला दर्ज किया गया है। आईएसआई के संदिग्ध संचालक कफईतुल्ला खान के नेतृत्व वाले जासूसी गिरोह मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। खान पहला व्यक्ति था जिसे 26 नवम्बर को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त वह धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने और कथित रूप से ज्यादा जासूसों की भर्ती के लिए भोपाल रवाना हो रहा था। इसके बाद बीएसएफ के कर्मी अब्दुल राशिद और सेना के पूर्व हवलदार मुनव्वर अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि साबर के माध्यम से खान ने राशिद, मीर और दूसरे सहयोगियों से मुलाकात की। इसमें सेना का एक सेवारत कर्मी भी शामिल है, जिसके लिए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पुलिस की एक टीम भेजी गई है। मीर और खान दोनों को अपराध शाखा के अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ की 14 सदस्यीय टीम ने गिरफ्तार किया जो बुधवार को राजौरी पहुंची थी। अधिकारी ने बताया कि उन्हें वहां की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया है और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जाएगा।

 

साबर को काफी नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया क्योंकि उसने गांव में राजौरी पुलिस के साथ पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम को चकमा देने का प्रयास किया और कुछ स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की कार्रवाई का प्रतिरोध किया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ऐसा संदेह है कि साबर को किसी ने पहले ही छापेमारी के बारे में सूचना दे दी थी क्योंकि पुलिस की टीम जब पहुंची तो उसका घर बाहर से बंद पाया। अचानक साबर छत पर दिखा और पीछे की तरफ कूद गया। अधिकारी ने बताया कि कूदने से उसका पैर जख्मी हो गया और वह गिर गया। तुरंत कुछ स्थानीय लोग इकट्ठा हुए और पुलिस की टीम को कथित तौर पर रोकने लगे। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को सुलझाने के लिए जम्मू-कश्मीर के अपने समकक्ष अधिकारियों को फोन किया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस को साबर के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिला। बहरहाल उन्होंने दावा किया है कि उसके खिलाफ काफी सबूत मिले हैं जिनमें खान का खुलासा और टेलीफोन पर हुई बातचीत भी शामिल है जिसे सीडी से हासिल किया गया है।

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कथित गिरोह को मिलने वाले धन की जांच कर रहे पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पुलिस को पता चला है कि खान ने साबर के बैंक खाते में दो बार पांच हजार रूपये जमा कराए। बहरहाल जांच के सिलसिले में इन ब्यौरे की पुष्टि की जानी है जिसमें पता चला है कि खान को पाकस्तिान से धन मिलता था जो सउदी अरब और यूएई के रास्ते उसे स्थानांतरित किया जाता था। अधिकारी ने कहा कि समझा जाता है कि खान को स्थायी रूप से भुगतान मिलता था। समझा जाता है कि साबर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होने पर सीमा पर सैनिकों की आवाजाही के बारे में महत्वपूर्ण सूचना इकट्ठा करता था। वह सिलीगुड़ी के नजदीक सूचना इकट्ठा करने का काम करता था जिसकी जांच अपराध शाखा की आठ सदस्यीय टीम कर रही है। पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि उसने कथित खुफिया संचालकों को सीमा पार सूचनाएं भेजीं।

 

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TAGS: दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर, राजौरी, आईएसआई, जासूसी, संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध, रवीन्द्र यादव, कफईतुल्ला खान, बीएसएफ, अब्दुल राशिद, मुनव्वर अहमद मीर, पाकस्तिान, सउदी अरब, यूएई
OUTLOOK 05 December, 2015
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