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17 October 2019

अयोध्या में हाई अलर्ट के बीच बुलाए गए अतिरिक्त सुरक्षा बल, कई सुरक्षा चौकियां भी हुई बहाल

अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होते ही अयोध्या समेत काशी और मथुरा समेत अन्य प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रदेश में अलर्ट घोषित करते हुए विभिन्न खुफिया एजेंसियों को सक्रिय किया गया है और सोशल मीडिया के साथ अफवाहों की भी निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। 20 अक्तूबर तक अतिरिक्त फोर्स के अयोध्या पहुंचने के आसार हैं।

अयोध्या में कारसेवकों की भीड़ को रोकने के लिए बनाई गई सभी सुरक्षा चौकियों को बहाल किया गया है। साथ ही रामकोट क्षेत्र में बिना पास वाले वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा सभी बैरियरों की मरम्मत कराकर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।

रामजन्मभूमि के अधिग्रहित परिसर को अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला आइसोलेशन जोन की सुरक्षा में केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात हैं। 70 एकड़ के अधिग्रहीत परिसर के रेड जोन में थ्री टीयर बैरिकेडिंग का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इसके अलावा अधिग्रहीत परिसर के बाहर सम्पूर्ण पंचकोसी परिक्रमा मार्ग येलो जोन घोषित किया गया है। येलो जोन में सिविल पुलिस की तैनाती है। शासन से 10 एएसपी, 25 डिप्टी एसपी, 25 इंस्पेक्टर, 125 दरोगा, 700 सिपाही, 45 महिला दरोगा, 100 महिला सिपाही, 6 कंपनी पीएसी, 2 कंपनी आरएएफ, एक कंपनी बाढ़ राहत पीएसी भी मांगी गई है।

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डीएम अनुज कुमार झा ने ‘आउटलुक’ को बताया कि जिले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए रणनीति बनाकर कार्यवाही की जा रही है। किसी भी दशा में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। आईजी अयोध्या ने ‘आउटलुक’ को बताया कि रामजन्मभूमि की सुरक्षा को अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा अतिरिक्त फोर्स की डिमांड की गई है। हालांकि उन्होंने अन्य किसी प्रकार का इनपुट मिलने से इनकार किया है। 

फील्ड में तैनात अधिकारियों की 30 नवम्बर तक छुट्टियां रद

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि आगामी त्यौहारों आदि के दृष्टिगत फील्ड में तैनात पुलिस सहित सभी अधिकारियों को 30 नवम्बर तक अत्यधिक अपरिहार्य परिस्थिति को छोड़कर किसी प्रकार का अवकाश स्वीकृत न किया जाए। शासन द्वारा यह निर्देश भी दिए गए हैं कि फील्ड में तैनात सभी स्तर के अधिकारी 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से अपने-अपने मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे।

कुछ और संतों को दी सुरक्षा

हिन्दू मुस्लिम पक्षकारों के अलावा अन्य संतों को भी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास को सुरक्षा दी गई है। इसके पहले निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास रानोपाली आश्रम के महंत डॉ. भरत दास सहित कई अन्य संतों को सुरक्षा दी गई है।

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TAGS: ram mandir, ayodhya issue, Security of temples, Ayodhya, Kashi, Mathura, UP
OUTLOOK 17 October, 2019
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