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13 July 2018

व्हाट्सऐप मैसेज पर नजर रखना चाहती है सरकार, यह 'सर्विलांस स्टेट' बनाने जैसी स्थिति : SC

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑनलाइन डेटा की निगरानी के लिए सोशल मीडिया हब स्थापित करने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फैसले पर सख्त टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि  यह "सर्विलांस स्टेट बनाने की तरह" होगा। कोर्ट ने कहा कि सरकार लोगों के व्हाट्सऐप मैसेज पर नजर रखना चाहती है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कहा कि इस मामले में वह अदालत की सहायता करें।

मोइत्रा की ओर से प्रस्तुत वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने कहा कि सरकार ने प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी कर दिया है और टेंडर 20 अगस्त को खोला जाएगा।

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सिंघवी ने कहा, “ वे (सरकार) इस सोशल मीडिया हब की मदद से सोशल मीडिया सामग्री की निगरानी करना चाहते हैं।”

बेंच ने तब कहा कि वह 20 अगस्त को टेंडर खोलने से पहले इस मामले को 3 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर रहा है और एजी या सरकार के लिए कोई भी कानून अधिकारी मामले में अदालत की सहायता करेगा।

इससे पहले मोइत्रा के वकील ने कहा था कि सरकार ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम और उनके ई-मेल जैसे सोशल मीडिया खातों को ट्रैक करके व्यक्तियों की सोशल मीडिया सामग्री की निगरानी करने की कोशिश कर रही है।

हाल ही में, मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (बीईसीआईएल) ने परियोजना के लिए एक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए टेंडर जारी किया था।

 

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TAGS: Setting up, social media hub, creating surveillance state, Supreme court
OUTLOOK 13 July, 2018
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