Advertisement
20 September 2018

क्रू मेंबर्स की गलती से जेट एयरवेज की मुंबई-जयपुर फ्लाइट में यात्रियों के कान-नाक से बहने लगा खून

मुंबई से जयपुर जाने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट में एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। क्रू मेंबर्स की एक गलती की वजह से यात्रियों की जान पर बन आई।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फ्लाइट में लगभग 166 यात्री सवार थे। क्रू मेंबर्स की गलती के कारण करीब 30 यात्रियों के नाक और कान से खून निकलने लगा।

दरअसल, क्रू मेंबर केबिन का प्रेशर स्विच मेंटेन करना भूल गए थे जिसके कारण ये हादसा हुआ। फ्लाइट को यात्रा के बीच से ही मुंबई वापस मोड़ना पड़ा।

Advertisement

फ्लाइट में जहां 30 यात्रियों के नाक और कान से खून निकलने लगा था। वहीं कई यात्रियों को सिर दर्द की भी शिकायत है। सभी का इलाज मुंबई के एयरपोर्ट पर चल रहा है।   

गौरतलब है कि जेट एयरेवज का B737 की 9W 697 फ्लाइट मुंबई से जयपुर के लिए रवाना हो रही थी। जिस दौरान केबिन क्रू वो स्विच ही ऑन करना भूल गया, जिससे ऑक्सीजन मेंटेन नहीं हो पाया।

जेट एयरवेज ने क्या कहा

हादसे के बाद जेट एयरवेज की ओर से बयान जारी किया गया है। जेट एयरवेज का कहना है कि हादसे के बाद फ्लाइट को मुंबई वापस लाया गया है, इस दौरान फ्लाइट में 166 यात्री, 5 क्रू मेंबर्स उपस्थित थे। जिन यात्रियों को तकलीफ हुई है उनका इलाज करवाया जा रहा है। साथ ही जेट एयरवेज ने कहा है कि जो क्रू मेंबर्स इस फ्लाइट में थे, उन्हें रोस्टर से हटा दिया गया है। जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती वे सभी ऑफ रोस्टर ही रहेंगे।

मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से भी इस मामले पर बयान जारी किया गया है।  मंत्रालय ने इस मामले पर डीजीसीए से रिपोर्ट मांगी है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

इसी साल जुलाई महीने में आयरलैंड की विमानन कंपनी 'रेयानएयर'के विमान में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से फ्रैंकफर्ट के हान हवाईअड्डे पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। ऑक्सीजन का स्तर कम होने से विमान में सवार 33 लोगों को अस्पताल भी पहुंचाया गया। एफे ने रेयानएयर के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि रेयानएयर की उड़ान संख्या एफआर7312 में अचानक ऑक्सीजन का स्तर कम हो गया, जिस वजह से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। यह विमान डबलिन से क्रोएशिया जा रहा था।

क्या कहते हैं डॉक्टर?

 दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल ने आउटलुक को बताया कि उड़ान के दौरान 10-12 किलोमीटर की ऊंचाई पर बाहरी हवा का दबाव कम हो जाता है। जबकि उसकी तुलना में शरीर के अंदर दबाव ज्यादा होता है। अगर बाहरी दबाव को नियंत्रित नहीं किया जाए तो नसें फट जाती हैं और ब्लीडिंग होने लगती है।

 बता दें कि इस स्थिति को बैरोट्रॉमा कहते हैं। इसमें कुछ समय तक कम सुनाई देता है। साथ ही तब तक उन्हें हवाई यात्रा न करने की नसीहत दी जाती है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Several passengers, Jet Airways flight, Mumbai to Jaipur, suffer nasal, ear bleeding, cabin pressure issues
OUTLOOK 20 September, 2018
Advertisement