कश्मीरी नेताओं की नजरबंदी पर भड़के थरूर-चिदंबरम, कहा- लोकतांत्रिक आवाज को कुचल रही सरकार
जम्मू-कश्मीर में देर रात पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया। इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और पी चिदंबरम ने सरकार के कदम का विरोध किया। थरूर ने सवाल उठाया है कि आखिर मुख्यधारा के नेताओं को आधी रात को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि अभी संसद का सत्र चल रहा है और हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की ओर से नजरबंद किए जाने की सूचना ट्विटर पर दिए जाने के फौरन बाद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि आप अकेले नहीं हैं। हर लोकतांत्रिक भारतीय इसके विरोध में खड़ा होगा।
एक और ट्वीट में थरूर ने लिखा, 'जम्मू-कश्मीर में क्या चल रहा है? क्यों नेताओं को आधी रात को गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है? यदि कश्मीरी हमारे नागरिक हैं और उनके नेता हमारे पार्टनर, निश्चित तौर आतकंवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ किसी ऐक्शन से पहले मुख्यधारा के नेताओं को साथ रखा जाए। यदि हम उन्हें भी हटा देंगे, कौन बचेगा?’
'नजरबंदी लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने जैसा'
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने जैसा है। चिदंबरम ने ट्वीट किया, "जम्मू-कश्मीर के नेताओं को घर में नजरबंद किया जाना इस बात का सिग्नल है कि सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को कुचल देगी। मैं उनकी नजरबंदी की आलोचना करता हूं।"
एक दूसरे ट्वीट में चिदंबरम ने कहा है कि दिन खत्म होने से पहले ही हमें बता दिया जाएगा क्या जम्मू-कश्मीर में कुछ गंभीर संकट होने वाला है। मैं इंतजार कर रहा हूं।
सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए: सिंधिया
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सरकार के कदम की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नेताओं को रात में घरों में नजरबंद किया जा रहा है, जबकि सेनाओं की तैनाती लगातार बढ़ रही है और लोगों में बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। कश्मीर की हालत चिंताजनक है। सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।
आधी रात को नजरबंद किए गए कश्मीरी नेता
जम्मू-कश्मीर में जारी हलचल के बीच रविवार रात बारह बजे श्रीनगर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में रात 12 बजे धारा-144 लागू कर दी गई। प्रशासन ने कहा कि राज्य में रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सोमवार से राज्य में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे।
उधर, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने भी दावा किया कि उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।