बर्फ और बारिश ने किया जीना मुहाल
कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश और बर्फबारी की वजह से वहां का आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों में बदल रहे मौसम के असर से पूरा उत्तर भारत एक बार फिर सर्दियों की चपेट में आ गया है।
सर्द हवाओं के चलते राजस्थान के कई स्थानों के न्यूनतम तापामन में कल के मुकाबले दो से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय पर्यटक स्थल माउंट आबू में न्यूनतम तापमान में कल के मुकाबले छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई और यह 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। दिल्ली में भी ठंड बरकरार है। घने कोहरे के कारण 20 ट्रेनों के परिचालन में देरी हुई। आज भी सर्द हवाओं के कारण सुबह ठंड रही और घने कोहरे के कारण दृश्यता स्तर घट कर 50 मीटर पर आ गया जिससे लगभग 20 ट्रेनों के परिचालन में विलंब हुआ। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया ‘कल के न्यूनतम तापमान 1&.6 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले आज सुबह आठ बज कर &0 मिनट पर न्यूनतम तापमान 11.& डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।’ उत्तर रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, सुबह के दौरान घने कोहरे के कारण उत्तर की ओर आने वाली लगभग 20 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देर से चल रही हैं। इस वजह से जरूरी कामों से अपने घर या कहीं और जा रहे यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि मौसम विज्ञानयिं के अनुसार आने वाले दिनों में आसमान साफ रहने का अनुमान है। अधिकारी ने बताया कि अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के करीब रहेगा।
पंजाब - हरियाणा और उत्तराखंड में बारिश होने से इसका सीधा असर फसलों पर हुआ है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार इस बारिश का गेंहू कि फसल पर नकारात्मक प्रभाव नहीं है। चूंकि मार्च तक गेंहू कि फसल पर हल्की सर्दी का कोई असर नहीं होगा लेकिन खेतों में तैयार आलू की फसल के लिए यह बारिश और ओलावृष्टि नुकसानदायक है। आलू के अलावा सरसों की खेती के लिए भी यह बारिश और ओलावृष्टि नुकसानदायक है।
पहाड़ी स्थलों पर भी भारी बर्फबारी हुई है। शिमला समेत हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों, कश्मीर और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इससे दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में न केवल सर्दी बढ़ी है बल्कि सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हुआ है।