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26 January 2019

बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए खास शैंपू-साबुन, नहीं पड़ती पानी की जरूरत

File Photo

कारगिल, सियाचिन और द्रास जैसे एरिया में -40 डिग्री की जमा देने वाली सर्दी में भारतीय जवान बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। हाड़ कंपा देने वाली इस सर्दी में नहाना तो दूर पानी छूना भी मुश्किल होता है। ऐसे में ये जवान कई बार लगातार 90 दिन तक बिना नहाए बॉर्डर पर हमारी रक्षा के लिए खड़े रहते हैं। ठंड और पानी नहीं होने के कारण इन एरिया में रोज नहाना लगभग असंभव है। ऐसे मामलों में कई बार उन्हें स्किन प्रॉब्लम ज्यादा होती हैं। आईआईएम के पुनीत गुप्ता ने जवानों की इस परेशानी को समझा। उनके लिए ऐसे शैंपू-साबून बनाए जिसमें वह बगैर पानी का इस्तेमाल किए नहा सके।

IIT के दोस्तों के साथ मिलकर डेवलप किया गया प्रोडक्ट

दिल्ली में जन्मे क्लेन्स्टा इंटरनेशनल के फाउंडर पुनीत गुप्ता का कहना है कि डीआरडीओ के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान उन्हें जवानों की कई दिनों तक नहीं नहाने की समस्या के कारण आ रही परेशानी को जाना। तब उन्होंने दुनियाभर के देशों का रिसर्च किया लेकिन इस समस्या को कोई समाधान नहीं मिला। उन्होंने साल 2016 में आईआईटी के दोस्तों और प्रोफेसर के साथ मिलकर पर्सनल साफ-सफाई से जुड़े प्रोडक्ट को डेवलप करने पर काम किया।

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ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाला भारत पहला देश

दुनिया भर में नहाने जितना पर्सनल सफाई के स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए कोई प्रोडक्ट नहीं बनाया गया है। भारत ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाला पहला देश है। अपने प्रोडक्ट का फॉर्मूला बताने से गुप्ता ने मना कर दिया लेकिन उन्होंने बताया कि उनके प्रोडक्ट हैंड सैनिटाइजर की तरह नहीं होते। उनके बनाए शैंपू और बॉडी बाथ डस्ट, मैल और स्किन और सर के बालों का ऑयल हटाने का भी काम करते हैं। जवानों को शैंपू और बॉडी बाथ लगाकर साफ तौलिये से पोंछना होता है और इसमें पानी की जरूरत नहीं पड़ती। ये प्रक्रिया नहाने के बराबर है।

2017 से कर रहे हैं आर्मी को सप्लाई

अपना प्रोडक्ट बनाने के एक साल बाद 2017 में डिफेंस और आर्मी ने उनके बनाए प्रोडक्ट को पास कर दिया। वह तब से आर्मी और नेवी को शैंपू और साबुन सप्लाई कर रहे हैं। आज उनकी कंपनी रोजाना 2 लाख बोतल बना रही है।

छोटी समस्या से खड़ा कर दिया बड़ा बिजनेस 

इंजीनियर और आईआईएम कोलकाता से पढ़ाई करने वाले पुनीत गुप्ता को जवानों की सफाई से जुड़ी समस्या से एक बड़ा बिजनेस आइडिया मिल गया जिसे वह अमेरिका, यूरोप जैसे देशों तक लेकर जाने वाले हैं। उन्हें अमेरिकी दूतावास से अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों के लिए ऐसे प्रोडक्ट भेजने तक की इन्क्वायरी आ रही है।

152 देशों में कराया पेटेंट

कोई अन्य कंपनी या देश उनके प्रोडक्ट को कॉपी न कर ले इसलिए पुनीत ने इसे 152 देशों में पेटेंट कराया है। पुनीत के मुताबिक, क्लेन्स्टा के 100 मिलीलीटर शैंपू की बोतल 300 लीटर पानी बचाती है। उनके शैंपू की कीमत 499 रुपए और बॉडी बाथ की कीमत 549 रुपए है। अब वह नासा में भी अपने प्रोडक्ट भेजने पर भी काम कर रहे हैं।

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TAGS: Special shampoo, soap for army personnel, border areas
OUTLOOK 26 January, 2019
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