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20 February 2019

अनिल अंबानी अवमानना मामले में दोषी करार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 1 महीने में 453 करोड़ लौटाओ या जेल जाओ

File Photo

रिलायंस कम्युनिकेशंस और एरिक्सन मामले में आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने अनिल अंबानी और कंपनी के दो अन्य निदेशकों को अदालती अवमानना का दोषी करार देते हुए उन्हें चार हफ्तों के अंदर स्वीडिश कंपनी एरिक्सन की बकाया राशि को चुकाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर अनिल अंबानी ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें तीन महीने जेल में बिताना होगा। टेलिकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन ने रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एरिक्सन कंपनी को रुपये न चुकाने पर अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी माना। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्‍युनिकेशन को 453 करोड़ रुपये 4 हफ्तों में एरिक्सन कंपनी को चुकाने होंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर अनिल अंबानी यह राशि चुकाने में विफल होते हैं तो उन्हें 3 महीने के लिए जेल जाना होगा।

 

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न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। मुझे भरोसा है कि आरकॉम आदेशों का आदर करेगा।’

सुप्रीम कोर्ट ने बताया- 'इसलिए यह अदालत की अवमानना है'

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी और दो अन्य निदेशकों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि अगर इस जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उन्हें एक महीने जेल की सजा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'रिलायंस की तीनों कंपनियों की मंशा बकाया रकम का भुगतान करने की नहीं थी, इसलिए यह अदालत की अवमानना है।' कोर्ट ने कहा कि इस मामले में रिलायंस की बिना शर्त माफी स्वीकार नहीं की जा सकती।

तीन अवमानना याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनाया फैसला

गौरतलब है कि रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर टेलीकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन की तरफ से दायर तीन अवमानना याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ये था एरिक्सन का आरोप 

कोर्ट में एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान डील में निवेश के लिए रकम है लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ है। हालांकि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ कर रही है।

इस मामले में दायर की गई थी याचिका

एरिक्सन ने 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के मामले में अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इन्फ्राटेल की चेयरपर्सन छाया विरानी और एसबीआई के चेयरमैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी।

23 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने आरकॉम से कहा था कि वह 15 दिसंबर 2018 तक इस रकम का भुगतान कर दें। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उन्हें 12 फीसद ब्याज के साथ कर्ज चुकाना पड़ेगा।

ये था अनिल अंबानी की कंपनी का तर्क

वहीं, अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के साथ संपदा की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालिया के लिए अपील कर रही है ऐसे में रकम पर उसका नियंत्रण नहीं है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कोर्ट को बताया था कि वह एरिक्सन के बकाये का भुगतान करने के लिए हर संभव प्रयास किए लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

 

 

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TAGS: SC, holds, RCom chairman Anil Ambani, others, guilty, contempt of court, not paying, Rs 550 crore to Ericsson
OUTLOOK 20 February, 2019
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