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03 September 2019

अयोध्या मामले में एक पक्ष के वकील धवन को धमकी देने के मामले में दो लोगों को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य पक्षों की पैरवी करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को धमकी देने के मामले में दो व्यक्तियों से जवाब मांगा है।

भूमि विवाद मामले में 18 वें दिन सुनवाई की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह नोटिस जारी किया।

धवन ने कथित तौर पर मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने के लिए धमकाने के लिए एक सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी और एक राजस्थान निवासी संजय कलाल बजरंगी नामक दो व्यक्तियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।

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सोमवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने धवन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा था कि अवमानना याचिका पर कार्रवाई की जाएगी।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, "इसे मगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।"

क्या है आरोप?

मुख्य याचिकाकर्ता एम सिद्दीक और ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए पेश होने वाले धवन ने कहा है कि उन्हें 14 अगस्त, 2019 को एक सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन शनमुगम से एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने पर धमकी दी गई। धवन के मुताबिक, यह पत्र उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कर्मचारी ने 22 अगस्त 2019 को सौंपा था।

धवन का आरोप है कि उन्हें घर और कोर्ट परिसर में अनेक लोगों के धमकी देने वाले आचरण का सामना करना पड़ रहा है। धवन ने कहा, राजस्थान निवासी संजय कलाल बजरंगी से भी एक व्हाट्सएप संदेश मिला है, जो सुप्रीम कोर्ट के न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप का प्रयास है। उन्होंने इस संदेश की प्रति भी अपनी याचिका के साथ संलग्न की है।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि कई साल से चलते आ रहे राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मसले को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता का रास्ता अपनाने को कहा था, लेकिन उससे कोई हल नहीं निकल पाया था। जिसके बाद कोर्ट की ओर से इस मसले पर रोजाना सुनवाई की जा रही है, पहले ये सुनवाई सप्ताह में तीन दिन हो रही थी लेकिन अब हफ्ते में पांच दिन मामला सुना जा रहा है। इसी मामले में धवन एक पक्ष के वकील हैं।

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TAGS: Supreme court, notice, Chennai Professor Shanmugham, contempt plea, Rajeev Dhavan
OUTLOOK 03 September, 2019
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