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20 February 2019

सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को होगी अयोध्या मामले की सुनवाई, छुट्टी से लौटे जस्टिस एसए बोबडे

File Photo

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई अब 26 फरवरी को होगी। मामले की सुनवाई कर रही बेंच में शामिल जस्टिस बोबड़े छुट्टी से लौट आए हैं जिसके बाद इस मामले में फिर सुनवाई हो सकेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टाल दी थी। बता दें कि पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस बोबडे जनवरी से छुट्टी पर थे और उसी वजह से 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई नहीं हो पाई थी। यह संविधान पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।  

जनवरी में चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन किया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस गोगोई के अलावा जस्टिस बोबडे और जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह भी शामिल हैं। इससे पहले 10 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद जस्टिस यू यू ललित ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था।

बेंच में जस्टिस भूषण और जस्टिस नजीर शामिल किए गए

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस रंजन गोगोई ने 25 जनवरी को अयोध्या विवाद की सुनवाई के लिए बेंच का पुनर्गठन किया था। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया। अब बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं। पुनर्गठन में जस्टिस एनवी रमण को शामिल नहीं किया गया।

जानें क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। शीर्ष अदालत ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में यह केस पिछले आठ साल से लंबित है।ॉ

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने स्थगित किया कार्यक्रम

बता दें कि अयोध्या में विवादित भूमि पर 21 फरवरी को शिलान्यास कार्यक्रम का ऐलान कर चुके द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बयान जारी करते हुए कहा, 'श्रीरामजन्मभूमि के संदर्भ में हमने जो निर्णय लिया है, वह सामयिक और आवश्यक भी है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों की शहादत के बाद देश में अचानक आई इस आकस्मिक परिस्थिति को देखते हुए हम यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय ले रहे हैं।'

 

 

 

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TAGS: Supreme court, hear on Feb 26, Ram Janmabhoomi, Babri Masjid, land dispute matter
OUTLOOK 20 February, 2019
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