सुरेश प्रभु ने दिया जेट एयरवेज से जुड़े मुद्दों की समीक्षा का निर्देश
मंगलवार को नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों जैसे हवाई किरायों में वृद्धि, उड़ानें रद्द होना, यात्री अधिकारों और सुरक्षा की समीक्षा करें। वहीं आज जेट बोर्ड की अहम बैठक से पहले कंपनी के शेयर्स में 3 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली है।
प्रभु ने नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला से कहा है कि यात्रियों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। जेट एयरवेज वर्तमान में गंभीर नकदी संकट से जूझ रही है और उसके 10 से भी कम विमान परिचालन में हैं। इसके अलावा उसे अंतरर्राष्ट्रीय उड़ानों को भी अस्थायी तौर पर कुछ समय के लिए बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है।
सुरेश प्रभु ने दिए जेट से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा का निर्देश
सुरेश प्रभु ने एक ट्वीट में लिखा, ‘जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के लिए नागर विमान सचिव को निर्देश दिया गया है। इन मुद्दों में बढ़ता किराया और उड़ानों का रद्द होना शामिल है’। इसके अलावा सचिव से यह भी कह दिया गया है कि यात्रियों के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दे पर जरूरी कदम उठाए जाएं। प्रभु ने कहा है कि सभी हितधारकों के भले को ध्यान में रखकर काम किया जाए।
Directed Secretary @MoCA_GoI to review issues related to Jet Airways, especially increasing fares, flight cancellations etc. Asked him to take necessary steps to protect passenger rights and safety; and to work with all stakeholders for their well being.
— Chowkidar Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) April 16, 2019
बैठक से पहले लुढ़के कंपनी के शेयर्स
मंगलवार के कारोबार में सुबह जेट एयरवेज के शेयर्स में 3 फीसद की गिरावट देखने को मिली। आज की बैठक में प्रबंधन एयरलाइन के लिए अगले कदम पर बोर्ड से मार्गदर्शन मांगेगा। आज सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड का शेयर 3.72 फीसद की गिरावट के साथ 252 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा था।
बकाये भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने किया था विरोध
बता दें कि नकदी के संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने बकाये का भुगतान करने की मांग को लेकर शनिवार को इंदिरा गांधी हवाई अड्डे (आईजीआई) के टर्मिनल-3 के बाहर मौन विरोध मार्च निकाला था।
जेट एयरवेज विमानन कंपनी गंभीर संकट से गुजर रही है और कंपनी की अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं। फिलहाल जेट सात विमानों को संचालन कर रही है, वह भी घरेलू उड़ानों में। कंपनी की 80 फीसदी विमान सेवा से बाहर हो गए हैं, क्योंकि ठेकेदारों ने किराए का भुगतान न होने के कारण विमान देने से इंकार कर दिए हैं। कंपनी ने रविवार को कहा कि उसने पश्चिम यानी एम्सटर्डम, लंदन और पेरिस के लिए अपनी उड़ानों को 16 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिए हैं।