Advertisement
18 February 2015

महामारी का रूप लेता स्वाइन फ्लू

पीटीआई

ऐसा लग रहा है कि यह बीमारी महामारी का रूप लेती जा रही है। सबसे अध‌िक प्रभाव‌ित राज्यों में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब हैं। बीमारी किस तेज गति से फैल रही है इसका सबूत यह है कि बीते 24 घंटों में राजस्थान में स्वाइन फ्लू से प्रभाव‌ित 11 और मौतें होने से यहां मौतों का आंकड़ा 176 तक पहुंच गया है। राज्य में सबसे अध‌िक 30 मौतें जयपुर में हुई हैं।

मध्य प्रदेश में अभी तक कुल 81, गुजरात में 144, महाराष्ट्र में 58 और पंजाब में 25 मौतें हो चुकी हैं। ह‌िमाचल प्रदेश में अभी तक 6 मामले सामने आए हैं, ज‌िनमें से एक की मौत हो गई है। इसके अलावा अभी तक कोलकाता में 31 और आगरा में 37 मामले सामने आए हैं।

सरकार की ओर से अस्पतालों में इसकी दवा टेमीफ्लू पहुंचाई जा रही है। इसके मद्देनजर सरकार बड़े अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू बंटवा तो रही है लेक‌िन ज्यादातर अस्पतालों में इसकी क‌िल्लत है।

Advertisement

इतनी मौतों के बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग इसे महामारी नहीं मान रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि एच1एन1 फ्लू ही नहीं बल्कि किसी भी फ्लू का वायरस चार-पांच साल में तेज गति से फैलता है इसलिए इसे महामारी नहीं कह सकते।

पिछले 100 वर्षों का फ्लू का इतिहास हमें यह बताता है। यही इस बार भी हो रहा है। हमारे जैसे आबादी के ज्यादा घनत्व वाले देश में इसका तेज फैलाव अस्वाभाविक नहीं है क्योंकि बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के तीन फीट की दूरी में आने वाले लोगों में इसका फैलाव होने की आशंका रहती है। इस लिए फ्लू के लक्षण उभरने पर बेहतर है कि काम से तीन दिन की छुट्टी लेकर घर में आराम किया जाए। अगर इसके बाद भी बीमारी कायम रहे और स्थिति ज्यादा गंभीर हो डॉक्टर की सेवा लें।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ सोशल मेडिसन एंड कम्युनिटी हेल्थ में प्रोफ़ेसर रितु प्रिया का भी कहना है कि इस मौसम में इस प्रकार के वायरल फैलते हैं लेकिन मौत तक वही पहुंचते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं। रितु प्रिया का यह भी कहना है कि कोई भी ऐसा वायरल किसी साल कम तो किसी साल ज्यादा तेजी से फैलता है।

प्रो. रितु ने इसका एक और कारण बताया कि स्वाइन फ्लू का पता लगाने के लिेए हमारे पास टेस्ट सुविधा है लेकिन दूसरे वायरल से मरने वालों का पता ही नहीं लग पाता। इसलिए स्वाइन फ्लू डायग्नोस होने से पीड़ित या मरने वालों की ज्यादा संख्या दूसरे वायरल से मरने वालों की अपेक्षा ज्यादा लगती है।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: स्वाइन फ्लू, बीमारी, महामारी, मौतें, फैलाव
OUTLOOK 18 February, 2015
Advertisement