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19 September 2019

तबरेज अंसारी मौत मामले में सभी आरोपियों पर फिर चलेगा हत्या का केस

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के बहुचर्चित तबरेज अंसारी मौत मामले में आरोपियों पर अब फिर से हत्या का मुकदमा चलेगा। आठ दिन पहले पुलिस ने 13 आरोपियों पर से आईपीसी की धारा 302 को हटा दिया था। वहीं अब 11 आरोपियों पर फिर से आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को बरकरार रखा गया। जून महीने में भीड़ द्वारा अंसारी पर हमला किया गया था। इस घटना के वायरल वीडियो में अंसारी को कथित चोरी के आरोप में खंभे से बांधकर डंडों से पीटते हुए देखा गया और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया।

एक अधिकारी ने कहा कि ताजा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिले की एक अदालत के समक्ष एक पूरक आरोप पत्र दायर किया जिसमें 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (हत्या) की धारा 302 को बरकरार रखा गया। पुलिस ने शेष दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की और उनके खिलाफ जांच पूरी करने के बाद हत्या का आरोप लगाया।

10 सितंबर को 13 आरोपियों के खिलाफ हटा दिया था हत्या के आरोप

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पुलिस ने 10 सितंबर को मॉब लिंचिंग के मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप को हटा दिया था और पोस्टमॉर्टम, चिकित्सा और फोरेंसिक रिपोर्टों के आधार पर गैर इरादतन हत्या (आईपीसी की धारा 304) के तहत उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। दरअसल, चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी की बुरी तरह से पिटाई की गई थी। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इसमें 11 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज हुआ था। हालांकि बाद में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत 11 आरोपियों पर दर्ज मामले को खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि धारा 302 के तहत सजा मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और जुर्माना है, जबकि धारा 304 के तहत जुर्माना आजीवन कारावास या 10 साल की कैद या जुर्माना या दोनों है।

अब क्या कह रही है पुलिस

पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर (एमजीएम अस्पताल) के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र में 302 लगाने का फैसला लिया गया, क्योंकि उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि तबरेज को दिल का दौरा उसे हड्डियों में लगी चोट और हृदय में खून एकत्रित होने के कारण पड़ा था। इससे पहले अपराध विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण सिर्फ दिल का दौरा पड़ना बताया गया था।

अधिकारी ने कहा कि पुलिस को अंसारी को आरोपियों द्वारा पीटने वाले वायरल वीडियो में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।

क्या है पूरा मामला

पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के तौर पर काम करने वाले अंसारी ईद मनाने के लिए अपने घर आए थे। इसी दौरान उन्हें 17 जून की रात को भटकीडीह गांव में स्थानीय लोगों द्वारा मोटरसाइकिल चोरी करने की कोशिश के संदेह में पकड़ लिया गया। जिसके बाद उसे एक डंडे से बांधकर भीड़ द्वारा लाठी और लोहे की रॉड से हमला किया गया। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ भीड़ द्वारा खंभे से बांधकर उसे पीटते हुए देखा गया। साथ ही उसे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' का नारा लगाने के लिए भी मजबूर किया गया था।

हालांकि अपराधियों के किसी हिंदू अधिकार संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं था लेकिन विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था। 22 जून को जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में डॉक्टरों द्वारा अंसारी को "मृत " घोषित किए जाने के बाद इस मामले को देखने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। घटना के संबंध में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

 

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TAGS: Tabrez Ansari, lynching case, Murder charge, all accused
OUTLOOK 19 September, 2019
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