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20 June 2019

चेन्नई में पानी की किल्लत, बदली स्कूलों की टाइमिंग, लगभग 100 हॉस्टल बंद

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रही है। हालत यह है कि जहां एक ओर आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहना पड़ा है, वहीं स्कूलों ने अपनी टाइमिंग बदली ली है और सैकड़ों छात्रावासों को बंद करना पड़ा है। खबर है कि ग्रामीण इलाकों में टोकन देकर पानी बांटा जा रहा है। इस बीच विपक्षी दल डीएमके ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

बता दें कि चेन्नई कई सालों से पानी की कमी से जूझ रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हालात और ज्यादा गंभीर हो गए हैं। राज्य के कई जल स्त्रोत और नदियां सूखी पड़ी है और जिंदगियां बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही हैं। मानसून में देरी के कारण, अधिकांश क्षेत्र पानी की भयानक कमी का सामना कर रहे हैं।

भारत के दक्षिणी सिरे पर कुएं सूख गए हैं, जिससे लोगों को पानी के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश है। उत्तर पूर्व मानसून की लगातार विफलता के कारण तमिलनाडु तीन साल से सूखे का सामना कर रहा है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के क्रॉम्पेट के एक निजी स्कूल विवेकानंद विद्यालय ने बुधवार को स्कूल के संचालन का समय बदल दिया। स्कूल का संचालन अब सुबह 8 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक होगा। विवेकानंद विद्यालय के बाद शहर के तीन अन्य स्कूलों ने भी समय-सारणी में बदलाव किया है।

वहीं गंभीर जल संकट के बीच राज्य सरकार ने कहा है कि वह अक्टूबर में उत्तर पूर्व मानसून के आने तक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्यत: भूजल पर निर्भर है। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि सूखे और मानसून की कम बारिश से भूजल स्तर में गिरावट हुई है। उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा उतना बड़ा नहीं है जितना उसे विशेष रूप से मीडिया में बनाया जा रहा है।

शनिवार को डीएमके का विरोध प्रदर्शन

तमिलनाडु में विपक्षी दल डीएमके ने बुधवार को कहा कि वह पानी की कमी के संकट को पूरा करने के लिए एआईएडीएमके सरकार की त्वरित कार्रवाई में विफल रहने के खिलाफ शनिवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेगी। यहां जारी एक बयान में, द्रमुक ने कहा कि राज्य सरकार को लोगों के दुख को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने के लिए, पार्टी 22 जून को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी।

लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि उनके एसोसिएशन के 350 सदस्यों के लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े हैं और इन हॉस्टलों में रह रहे लोगों को हॉस्टल खाली करने को कहा गया है।

50 से 60 फीसदी निर्माण संबंधी गतिविधियां थमी

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में पानी की किल्लत की वजह से चेन्नई का निर्माण क्षेत्र भी बचा हुआ नहीं है। जल संकट की वजह से बीते कुछ सप्ताह में चेन्नई और इसके आसपास के शहर में लगभग 50 से 60 फीसदी निर्माण संबंधी गतिविधियां थम गई हैं। इससे कई मजदूरों की आजीविका बाधित हुई है। कई जगहों पर भूजलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे क्षेत्र के लिए पानी की किल्लत चुनौती बनी हुई है।

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TAGS: tamilnadu, chennai, water crisis, 100 hostels shut, know all updates
OUTLOOK 20 June, 2019
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