रोजगार सृजन से लेकर रियल एस्टेट पर वित्त मंत्री ने दी छूट की सौगात
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए अलग-अलग राशि का प्रावधान किया है। फसल कटाई के बाद के क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन की भी उन्होंने घोषणा की। फसल कटाई के बाद मूल्यवर्धन में व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2018-19 से पांच वर्षों की अवधि के लिए 100 करोड़ रुपये तक के वार्षिक टर्नओवर वाली किसान उत्पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत कंपनियों को 100 फीसदी तक कर में छूट की घोषणा की गई है।
रोजगार सृजन के लिए
बजट में साल में न्यूनतम 240 दिन काम करने वाले पात्र नए कर्मचारियों को आयकर अधिनियम के तहत 100 फीसदी कर में कटौती के अलावा 30 फीसदी की कटौती को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा परिधान उद्योग के मामले में रोजगार की न्यूनतम अवधि 150 दिन कर दी गई है।
रियल एस्टेट के लिए
रियल एस्टेट सौदों में बाधा कम करने के लिए भी वित्त मंत्री ने घोषणा की। जिस मामले में सर्किल दर मूल्य और भूखंड के निर्धारित मूल्य पांच फीसदी से अधिक न हो, उसमें कोई समायोजन नहीं किया जाएगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को प्रोत्साहन
जिन कंपनियों का टर्नओवर 2015-16 में 50 करोड़ रुपये से कम था, उनके लिए कॉरपोरेट कर घटाकर 25 फीसदी किया गया थ्ाा। इससे लगभग 96 फीसदी कंपनियों को लाभ पहुंचा। इस बार 25 फीसदी दर का लाभ उन कंपनियों को भी दिया गया है, जिन्होंने 2016-17 में 250 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर किया है। इससे टैक्स देने वाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की 99 फीसदी कंपनियों को फायदा होगा। इससे राजस्व पर सात हजार करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। टैक्स देने वाली सात लाख कंपनियों में से लगभग 7 हजार कंपनियां का टर्नओवर 250 करोड़ से अधिक है। ये सभी 25-30 फीसदी के स्लैब में रहेंगी।