आज से मुंबई-गोवा के बीच दौड़ेगी ‘तेजस एक्सप्रेस’
जानकारी के मुताबिक, विमान जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं वाली पहली ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ अपनी उद्घाटन यात्रा में मुंबई के सीएसटी स्टेशन से दोपहर 3 बजकर 25 मिनट पर रवाना होगी और रात 12 बजकर 35 मिनट पर उत्तरी गोवा के करमाली स्टेशन पर पहुंचेगी। यह ट्रेन मुंबई गोवा के बीच हफ्ते में पांच दिन चलेगी।
ट्रेन की पहली रैक को आरसीएफ (रेल कोच फैक्ट्री) कपूरथला में तैयार किया गया है। ‘तेजस एक्सप्रेस’ के पहले एसी डिब्बे में केटरिंग की सुविधा के साथ सफर करने की लागत 2,680 रुपए है जबकि एसी चेयर कार में प्रति व्यक्ति ये लागत 1,680 रुपए है। ये कीमत उसी रूट से जाने वाली जनशताब्दी ट्रेन से लगभग तीन गुना ज्यादा है।
उद्घाटन से पूर्व ही एक सीट आरक्षित करने के लिए अग्रिम बुकिंग 21 मई से शुरु हो गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अग्रिम बुकिंग में 300 से ज्यादा टिकट बिक चुके हैं। वहीं, रेलवे ने आगामी मॉनसून और गैर-मानसून समय सीमाओं के दौरान अपने ऑफिशियल साइट ट्विटर हैंडल पर ट्रेन के समय और सेवाओं का एक कार्यक्रम जारी किया।
गौरतलब है कि प्रीमियम ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के उद्धाटन से पहले ही कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन में तोड़फोड़ की। हालांकि किन लोगों द्वारा तोड़फोड़ की गई इस बात की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, तेजस एक सेमी हाईस्पीड लक्जरी ट्रेन है,जो 200 किलोमीटर तक की गति से चलाई जा सकती है। लेकिन ट्रैक अनुकूल न होने के कारण फिलहाल केवल 160 किमी. की रफ्तार पर ही चलाई जाएगी। इस पहली तेजस ट्रेन में कुल 19 कोच होंगे, जिनमें पावरकार के अलावा एक्जिक्यूटिव क्लास के दो कोच तथा सामान्य एसी चेयरकार के 16 कोच शामिल हैं। इसे चलाने का मकसद यात्रियों के सफर को आरामदायक बनाना है।
इस ट्रेन में बेहतर सुविधाएं होने के कारण इस ट्रेन का किराया भी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के सामान्य किराए से ज्यादा है। मनोरंजन के लिए हर सीट पर एलसीडी लगी है, जिन्हें रैक के आगे और पीछे लगे पॉवर कोच में स्थापित 2 या 4 टीबी हार्डडिस्क वाले सर्वर से फिल्में, गाने और रेलवे से संबंधित जानकारी मिलेगी। ट्रेन में चाय और कॉफी के लिए वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है। इसके अलावा मैग्जीन और न्यूजपेपर भी उपलब्ध रहेगा। तेजस डिब्बों में ब्रेल डिस्प्ले, डिजिटल बोर्ड और इलेक्ट्रॉनिक रिजर्वेशन चार्ट भी शामिल होंगे।
ये है ‘तेजस’ की खासियत
- मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी और दो सीटों के बाद लैपटॉप चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक प्वाइंट दिए गए हैं। एलसीडी जीपीएस सिस्टम से कनेक्टेड होंगी। टच स्क्रीन वाली एलसीडी पर साइड में ट्रेन की गति, जगह और आने वाले स्टेशन के बारे में भी स्क्रालिंग होती रहेगी। आपराधिक गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से हर कोच में सीसीटीवी लगे हैं।
- मेट्रो की तरह आटोमैटिक हाइड्रोलिक डोर विद प्लग वाले दरवाजे लगाए गए हैं। इस ट्रेन में यात्रियों के लिए जो खाना पकाया जाएगा उसे खुद नामचीन शेफ पकाएंगे। इसके अलावा कोच में वाईफाई की सुविधा भी रहेगी। तेजस में राजधानी और शताब्दी ट्रेनों जैसी ही कैटरिंग सुविधा होगी। इन ट्रेनों में बायो वैक्यूम टॉयलेट होंगे, जिनसे बदबू से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा हैंड ड्रायर भी होगा।
- ट्रेन में लगी स्क्रीन पर एंटरटेनमेंट के साथ अनाउंसमेंट की सुविधा भी रहेगी। एक रैक में मौजूद आगे-पीछे वाले पॉवर कार में वाई-फाई कनेक्टिविटी के लिए सेटेलाइट डिश एंटीना स्थापित करने के लिए निर्धारित जगह छोड़ी गई है। तेजस के एक रैक में कुल 19 कोच होंगे। इनमें दो पावर कार, 15 चेयर कार, एक एग्जीक्यूटिव क्लास चेयर कार शामिल हैं। पहले भेजे जाने वाले रैक में कोच की संख्या 22 रखी गई है।
- कोच के अंदर धुएं की मात्रा के अनुसार सेंसर खुद-ब-खुद सायरन मोड में बजने लगेगा। इसका संदेश पॉवर कार में मौजूद गार्ड के पास पहुंच जाएगा और गार्ड तुरंत किसी को इसकी वजह तलाशने के लिए भेजेगा। फायर और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम में धुएं की मात्रा के अनुरूप सायरन बजेगा। अगर धुआं ज्यादा और आग लगी होगी तो सायरन के साथ फ्लैश लाइट जगने लगेगी और ट्रेन खुद-ब-खुद वहीं रुक जाएगी।