कन्हैया की जमानत पर सुनवाई टली, बढ़ा तनाव, सोशल साइट्स पर फैली गंदगी
दिल्ली उच्च न्यायलय में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत की सुनवाई आज नहीं हुई। अदालत ने इसे 29 फरवरी तक टाल दिया है। इस तरह से जेएनयू में चल रहे तनाव को अदालत से कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने दिल्ली पुलिस की इस अपील को तव्वजो दी कि जेएनयू के दो और छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद पर तीनों छात्रों से फिर से पूछताछ करना चाहती है और कन्हैया की रिमांड बढ़ाने के लिए आवेदन करना चाहती है।
इस तरह से जेएनयू में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया को छुड़ाने के लिए संघर्षरत छात्रों, अध्यापकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बड़े समूह को धक्का लगा है। अदालत ने एक तरफ दिल्ली पुलिस को यह निर्देश दिया है कि वह कन्हैया, उमर और अनिर्बान की हिफाजत की गारंटी करे। कल यानी 23 फरवरी को दिल्ली पुलिस से कन्हैया कुमार की जमानत अपील की स्टेट रिपोर्ट मांगी थी। इसी से यह संकेत मिल गया था कि अदालत इस मामले पर जल्द फैसला नहीं करने जा रही है। अब दिल्ली पुलिस ने चूंकि इस पूरे मामले में तीन गिरफ्तार आरोपियों को एक ही मामले में जोड़ दिया है, इसलिए यह और पेचिदा हो गया है और लंबा खिंचेगा।
इस बीच जेएनयू समर्थकों और विरोधियों में लड़ाई और तेज हो गई है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस लड़ाई ने और गंदा स्वरूप ले लिया है। एक दैनिक अखबार के एक पत्रकार ने फेसबुक पर जेएनयू के इन छात्रों का जेल में बलात्कार करने की बात लिखकर इस सारी बहस को और विभत्य रूप दे दिया है। इससे पहले तमिलनाडु के भाजपा के नेता एच.राजा ने सासंद डी.राजा से जेएनयू में छात्रा नेता अपनी बेटी अपराजिता को गोली मारने की बात कही थी। इस तरह से विरोध के स्वर और गतिविधियां बेहद हिंसक और उग्र होती जा रही है। आने वाले दिनों में इसके हिंसक होने की भी आशंका जताई जा रही है। आज दिल्ली में इंडिया गेट पर हैदराबाद में आत्महत्या की ओर ढेकेल गए छात्र रोहित वेमुला को इंसाफ दिलाने के लिए एक कैंडिल मार्च आयोजित किया गया है। यहां भी जेएनयू में इंसाफ की मांग उठनी है।