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15 January 2021

किसानों और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की बातचीत जारी, क्या खत्म होगा गतिरोध

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। इस बीच आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की बातचीत जारी है। किसानों ने बैठक से पहले फैसला लिया था कि वह इस बैठक में जाएंगे और सरकार के व्यवहार को देखेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। किसानों की पहले की तरह 26 जनवरी पर टैक्टर रैली करने की योजना है। किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर वापसी नहीं करेंगे।

क्रांति किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने कल कहा था कि हम बातचीत के लिए शुक्रवार की बैठक में जाएंगे। बैठक में सरकार कैसे व्यवहार करेगी, इसके आधार पर हम तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति के सदस्य भूपिंदर सिंह मान के इस्तीफे को सही ठहराया।

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली निकालेंगे। योजना के तहत  हम लाल किले से इंडिया गेट तक जुलूस निकालेंगे। अमर जवान ज्योति पर झंडा फहराएंगे। यह एक ऐतिहासिक दृश्य होगा जहां एक तरफ से हम 'किसान' और दूसरे पक्ष 'जवान' चलेंगे।

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केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच अब तक दोनों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई भी ठोस हल नहीं निकल सका है। अब तक प्रदूषण संबंधी पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना और बिजली बिल-2020 की अधिसूचना पर सहमति के बाद अब किसानों और सरकार के बीच कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी पर निर्णय न होने की वजह से दोनों पक्षों में गतिरोध बरकरार है। 

इससे पहले किसान कल की बैठक को लेकर असमंजस में थे। किसानों के एक वर्ग का मानना था कि जैसा कि शीर्ष अदालत ने एक समिति बनाई है जो किसानों की शिकायतों को सुनेगी तो ऐसे में समानांतर बातचीत जारी रखने का कोई फायदा नहीं है। केंद्र के साथ आठ दौर की बातचीत से कोई फायदा नहीं मिला है लेकिन देर रात में किसानों ने बैठक में शामिल होने का फैसला लिया।

वहीं, किसानों ने भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने जाने से इनकार कर दिया। किसानों का मानना है कि कमेटी के चारों सदस्य सरकार समर्थक हैं और इसी वजह से उनकी बातें नहीं सुनी जाएंगी। किसानों का कहना है कि हमारा आंदोलन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ है। हमने सुप्रीम कोर्ट से कमेटी बनाने का कभी अनुरोध नहीं किया और इसके पीछे सरकार का हाथ है।

 

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TAGS: किसान, केंद्र सरकार, कृषि कानून, किसान आंदोलन, farmers, central government, farm laws, farmers protest
OUTLOOK 15 January, 2021
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