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30 January 2021

किसानों का आंदोलन हुआ और तेज, पश्चिमी उत्तरप्रदेश से आज गाजीपुर कूच करेंगे हजारों किसान

कृषि कानूनों के विरोध में आज किसान आंदोलन का 66वां दिन है। मगर, पिछले 4 दिन में 2 बार हुई हिंसा के बाद आंदोलन अब नया मोड़ ले रहा है। सिंघु बॉर्डर के साथ ही अब गाजीपुर भी बड़ा केंद्र बनता नजर आ रहा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के हजारों और किसान आज गाजीपुर की ओर कूच करेंगे। यह फैसला मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में लिया गया, ताकि आंदोलन को मजबूत किया जा सके। वहीं किसान नेता आज एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाएंगे। इसके जरिए वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते हैं।

बात दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जीआईसी के मैदान में हुई महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसानों से शनिवार को दिल्ली कूच करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर दिया जा रहा धरना जारी रहेगा। किसान शनिवार से धरने में शामिल होकर आंदोलन को मजबूती देंगे।

नरेश टिकैत कहा है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसान दिल्ली जाएं और आंदोलन को मजबूत बनाएं।  जिसे ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाना है, वह कल जा सकता है। वहीं, दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ 40 सेकंड में आंदोलन दोबारा शुरू हुआ। कल दंगों से भी भी खतरनाक स्थिति थी। मैंने कभी बीजेपी को वोट दिया था, बीजेपी के लोगों मदद की। कल लोगों का मोरल डाउन था लेकिन हमारा आंदोलन शांति पूर्ण रहेगा। बता दें कि बीते दिन गाजीपुर बॉर्डर पर हुए बवाल के बीच राकेश टिकैत ने किसानों से यहां पहुंचने की अपील की थी। 

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नरेश टिकैत ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों का आन्दोलन की मांगे पूरी होने तह जारी रहेग। दिल्ली की घटना से किसान के सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि समय समय पर सभी लोगों ने आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता का परिचय दिया है। जयन्त चौधरी के साथ हुए हाथरस व 2002 की विशाल जनसभा आदि इसके उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि हमें भाजपा विधायक नंदकिशोर के व्यवहार का बुरा नहीं मानना चाहिए। आज उन्ही की वजह इस आंदोलन को संजीवनी मिली है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के आह्वान पर आयोजित इस किसान महापंचायत में पूरा विपक्ष एकजुट होकर शामिल हुआ। विपक्ष के सभी बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ महापंचायत में  पहुंचे।

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जयन्त चौधरी ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह संकट की घड़ी है और इस घड़ी में हम सबको एकजुटता का परिचय देना होगा। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद आप सभी बुजुर्ग अच्छी तरह से जानते है कि चौ. चरण सिंह गरीब व किसानों के नेता थे तथा वो हमेशा गरीब किसान के हितों की बात करते थे। यदि किसान मायूस होगा तो देश तबाह हो जायेगा।

रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा कि आप सबको मालूम है कि जब वे हाथरस प्रकरण पर पीड़ित पक्ष से मिलने व उसे न्याय दिलाने की मंशा से वहां पहुंचे तो उन पर लाठियां फटकारी गयी। यह हम सबके अस्तित्व की लड़ाई है। यह लड़ाई अभी लम्बी लड़ी जानी है।

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TAGS: किसान आंदोलन, कृषि कानून, किसान महापंचायत, राकेश टिकैत, गाजीपुर बॉर्डर, उत्तरप्रदेश, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, Farmer Movement, Agricultural Law, Kisan Mahapanchayat, Rakesh Tikait, Ghazipur Border, Uttar Pradesh, Western Uttar Pradesh
OUTLOOK 30 January, 2021
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