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16 June 2021

कोवैक्सिन बनाने में बछड़े के सीरम के इस्तेमाल होने के दावे को केंद्र ने बताया अफवाह, जानिए- क्या है पूरी सच्चाई

File Photo

कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने बुधवार को दावा किया कि कोवैक्सिन बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल होता है जिसके लिए 20 दिनों से कम के बछड़े को मारा जाता है। गौरव ने अपने ट्वीटर पर एक आरटीआई के जवाब में मिले दस्तावेज को भी साझा किया। जिसमें कहा गया कि ये जवाब पाटनी नाम के व्यक्ति की आरटीआई पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने दिया है। अब इस मामले पर केंद्र का बयान सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे गलत ठहराया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा है कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल सिर्फ वेरो सेल्स को तैयार करने और विकसित करने के लिए ही किया जाता है। आगे मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया भर में वीरो सेल्स की ग्रोथ के लिए अलग-अलग तरह के गोवंश और अन्य जानवरों के सीरम का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह ग्लोबल स्टैंडर्ड प्रक्रिया है, लेकिन इसका इस्तेमाल शुरुआती चरण में ही होता है। वैक्सीन के उत्पादन के आखिरी चरण में इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता है। इस तरह से इसे वैक्सीन का हिस्सा नहीं कह सकते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि दशकों से इसे पोलियो, रेबीज और इन्फ्लुएंजा की दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वीरो सेल्स को विकसित किए जाने के बाद कई बार पानी और केमिकल्स से धोया जाता है। इस प्रॉसेस को बफर कहते हैं। इसके बाद इन वेरो सेल्स को वायरल ग्रोथ के लिए कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड कराया जाता है।

दरअसल, पांधी ने एक डॉक्यूमेंट शेयर कर लिखा कि एक आरटीआई जवाब में, मोदी सरकार ने स्वीकार किया है कि कोवैक्सीन में नवजात बछड़ा सीरम होता है जो 20 दिनों से कम समय के युवा गाय-बछड़ों से प्राप्त रक्त का एक हिस्सा है, जो उन्हें मारने के बाद प्राप्त होता है। उन्होंने यह भी लिखा कि यह बहुत बुरा है। इस जानकारी को पहले ही लोगों को बताया जाना चाहिए था।

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TAGS: Coronavirus, Covid-19, Covaxin, PM Modi, Calf Serum
OUTLOOK 16 June, 2021
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