कौन है अलपन बंदोपाध्याय, जो मोदी और ममता सरकार के बीच बन गए झगड़े की वजह, ये है 'खेला' की इनसाइड स्टोरी
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के दिल्ली तबादले का आदेश जारी दिया है। उन्हें 31 मई, सोमवार को सुबह 10 बजे दिल्ली स्थित कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय में रिपोर्ट करना है। शुक्रवार को केंद्र ने उन्हें पत्र भेजकर इस फैसले की जानकारी दी। कुछ दिनों पहले ही मुख्य सचिव के तौर पर उनका कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था।
अलपन बंदोपाध्याय ने पिछले साल अक्टूबर में मुख्य सचिव का पद संभाला था। इसी महीने उनकी उम्र 60 साल हो गई। 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अलपन का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। ममता ने कहा था कि केंद्र सरकार उनका कार्यकाल तीन महीने और बढ़ाने पर सहमत हो गई है।
विधानसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग ने आलापन का तबादला कर दिया था। लेकिन चुनाव बाद तृणमूल कांग्रेस की तीसरी बार सरकार बनी तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आलापन को दोबारा मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। शुक्रवार को वे जब यास तूफान से राहत के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गईं तो अलपन बंदोपाध्याय भी उनके साथ थे।
1986 बैच के आईएएस आलापन ने राज्य में विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर काम किया है। उन्होंने कोलकाता नगर पालिका के आयुक्त के पद के अलावा परिवहन और उद्योग विभाग में भी काम किया है। मुख्यमंत्री ने कोविड से निपटने में उनकी भूमिका की भी सराहना की थी।
कल यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यास चक्रवात को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक के बाद से शुरू हुआ ये खेल माना जा रहा है। दरअसल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चीफ सेक्रेटरी आलापन बंदोपाध्याय, दोनों करीब आधे घंटे देरी से बैठक में पहुंचे थे। इस बैठक में पहले से पीएम मोदी के अलावा दो केंद्रीय मंत्री और शुभेंदु अधिकारी मौजूद थे, जिससे ममता की नाराजगी का कारण माना गया।